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बंगालः अधीर रंजन चौधरी का सुझाव- ममता टीएमसी खत्मकर कांग्रेस में कर लें विलय

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि टीएमसी पहले खुद को देखे. पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक पार्टियों को लाने वाले पहले खुद को देखें. हम (कांग्रेस) हमेशा से सेकुलर रहे हैं. हम सेकुलर पार्टी के साथ लड़ना चाहते हैं. यह हमने बहुत पहले कहा था. हम तृणमूल कांग्रेस की तरह नहीं हैं, जो आज सेकुलर है, कल तटस्थ और परसों तानाशाही दिखाएगी.

अधीर रंजन बोले- कांग्रेस में विलय कर लें ममता बनर्जी (फाइल-पीटीआई) अधीर रंजन बोले- कांग्रेस में विलय कर लें ममता बनर्जी (फाइल-पीटीआई)
aajtak.in
  • नॉर्थ 24 परगना,
  • 15 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 4:44 PM IST
  • 'सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ने को TMC करे विलय'
  • 'कांग्रेस हमेशा से सेकुलर रही, हम TMC की तरह नहीं हैं'
  • तृणमूल कांग्रेस छोड़कर कांग्रेस में आना समझदारीः चौधरी

बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के तेजी से बढ़ते जनाधार को देखते हुए विपक्षी दलों को नए सिरे से अपनी योजना बनानी पड़ रही है. इस बीच कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी से आह्वान किया है कि वह अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) को भंग कर अपनी मूल पार्टी कांग्रेस में विलय कर लें.

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और नॉर्थ 24 परगना से कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ने तथा भारतीय जनता पार्टी को रोकने के लिए ममता बनर्जी को तृणमूल कांग्रेस पार्टी को भंग करने और कांग्रेस के साथ विलय करने के लिए आमंत्रित किया है. उनका मानना है कि सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ने के लिए तृणमूल का समर्थन करने के बजाए ममता बनर्जी को कांग्रेस में शामिल हो जाना चाहिए.

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अधीर रंजन चौधरी ने पिछले दिनों बीजेपी को रोकने के लिए सेकुलर पार्टियों को मिलकर तृणमूल कांग्रेस का समर्थन करने वाले टीएमसी नेताओं के आह्वान पर मजाक भी उड़ाया. 

हम तृणमूल कांग्रेस की तरह नहींः अधीर

शुक्रवार को 24 परगना जिले के बारासात के अदालत परिसर में खड़े होकर उन्होंने कहा, 'टीएमसी पहले खुद को देखे. पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक पार्टियों को लाने वाले पहले खुद को देखें. हम (कांग्रेस) हमेशा से सेकुलर रहे हैं. हम सेकुलर पार्टी के साथ लड़ना चाहते हैं. यह हमने बहुत पहले कहा था. हम तृणमूल कांग्रेस की तरह नहीं हैं, जो आज सेकुलर है, कल तटस्थ और परसों तानाशाही दिखाएगी. हम ऐसा नहीं करते हैं.'

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चौधरी की राय में, 'ममता दीदी को सब पता है. कांग्रेस पार्टी छोड़ गईं और तृणमूल कांग्रेस का जन्म हुआ. इसलिए तृणमूल कांग्रेस छोड़कर कांग्रेस में आना समझदारी है. सभी समस्याओं का हल है. ममता बनर्जी तृणमूल के बड़े और छोटे नेताओं से लगातार बात किए बगैर खुद सोनिया गांधी के पास जा सकती हैं. वह सोनिया गांधी को जानती हैं, वह दिल्ली जा सकती हैं और उनसे मिल सकती हैं.' 

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उन्होंने कहा, 'लेकिन हम यहां तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी दोनों के खिलाफ हैं. तृणमूल कांग्रेस पार्टी बाढ़ की तरह बह रही है. इसलिए आप यह नहीं सोच सकते कि किसको बचाना है.' (इनपुट-दीपक देबनाथ)

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