
बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति तेजी से गरम होती जा रही है. तीखी बयानबाजी के बाद मामला अब गाली-गलौच तक आता दिख रहा है. राज्य में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों की ओर से कथित तौर पर 'गोली मारो' के नारों तक पहुंच गया है.
सोशल मीडिया में कथित तौर पर बंगाल में एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों की ओर से 'बंगाल के गद्दारों को, गोली मारो .... को' नारा लगाया जा रहा है. वीडियो के सामने आने के बाद वहां पर मामला तूल पकड़ता दिख रहा है.
भारतीय जनता पार्टी ने टीएमसी समर्थकों की ओर से लगाए जा रहे नारों के वीडियो वायरल होने के बाद सत्तारुढ़ पार्टी पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है. बीजेपी का कहना है कि टीएमसी की ओर से तनावपूर्ण माहौल बनाने की कोशिश उस समय की जा रही है जब राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति का जायजा लेने के लिए चुनाव आयोग की पूर्ण टीम रिव्यू बैठक करने वाली है.
यह वीडियो वायरल होने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की बंगाल इकाई ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी बंगाल ने ट्वीट करते हुए कहा, 'टीएमसी इसे "पीस रैली " करार दे रही है लेकिन इस दौरान बड़े पैमाने पर तनावपूर्ण स्थिति देखी गई और बीजेपी के झंडे तथा पोस्टर तक फाड़ दिए गए. दक्षिण कोलकाता में टीएमसी की 'पीस रैली' के दौरान 'गोली मारो .... को' जैसे नारे सुने गए. क्या यह" शांति "की परिभाषा है?'
हम शांति में विश्वास करते हैंः राज्य मंत्री
राज्य के मंत्री फरहद हकीम ने गोली मारो वाले नारे को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'हम इसका बिल्कुल समर्थन नहीं करते हैं. हर रैली में कुछ अति उत्साही युवा समर्थक होते हैं, लेकिन हम ऐसी चीजों का समर्थन नहीं करते हैं. यह बीजेपी का नारा है जिसे एक केंद्रीय मंत्री ने उठाया था. मैंने यह पता लगाने को कहा है कि क्या वे वास्तविक टीएमसी के समर्थक थे या फिर बाहरी व्यक्ति थे जिन्होंने हमारी रैली में घुसपैठ की थी. हम शांति में विश्वास करते हैं.'
बीजेपी-टीएमसी एक जैसेः अधीर रंजन
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद अधीर रंजन चौधरी ने इस प्रकरण पर कहा, 'मैं हमेशा कहता हूं कि टीएमसी और बीजेपी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. उनकी राजनीति लगभग एक जैसी है. दोनों दलों के डीएनए में कोई अंतर नहीं है. मंत्री के रूप में अनुराग ठाकुर ने भी यही कहा और बीजेपी ने उन्हें फटकार तक नहीं लगाई. टीएमसी कार्यकर्ताओं की ओर से इसे कोलकाता में दोहराया जा रहा है. इससे पता चलता है कि बंगाल में राजनीतिक माहौल किस कदर खराब हो गया है.
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दूसरी ओर, टीएमसी अपने यहां बगावती रुख से बेहद त्रस्त है. बीते कुछ समय में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी से कई नेता बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. अब टीएमसी के एक और विधायक अरिंदम भट्टाचार्य के भी बीजेपी मे जाने की संभावना है.
नादिया के शांतिपुर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक अरिंदम भट्टाचार्य आज बुधवार को दिल्ली में हैं. यहां उन्होंने बीजेपी महासचिव और बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय से मुलाकात की. भट्टाचार्य ने कांग्रेस के टिकट पर शांतिपुर सीट जीती थी, लेकिन बाद में (2017) वो टीएमसी में शामिल हो गए थे.