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विश्वभारती यूनिवर्सिटी में PM मोदी का संबोधन, कहा- आतंक फैलाने वालों में हाइली स्किल लोग भी शामिल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की ऐतिहासिक विश्वभारती यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि गुरुदेव टैगोर ने जो एकता का संदेश दिया, उसे कभी ना भूलें.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो: PIB) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो: PIB)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 11:53 AM IST
  • विश्व भारती यूनिवर्सिटी में पीएम मोदी का संबोधन
  • गुरुदेव के एकता के मंत्र को ना भूलें: PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की ऐतिहासिक विश्वभारती यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया. इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश निशंक भी मौजूद रहे. पीएम मोदी ने कहा कि देश के युवा में भविष्य को बदलने की शक्ति है, आपको तय करना है कि आप समस्या हल करना चाहते हैं या समस्या का हिस्सा बनना चाहते हैं.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती, इसी सोच के साथ इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई. ज्ञान में हमेशा ही सुधार की गुंजाइश रहती है. पीएम मोदी ने कहा कि सत्ता में रहते हुए संवेदनशील रहना जरूरी होता है, ऐसे ही हर विद्वान को जिम्मेदार होना पड़ता है.

पीएम मोदी ने कहा कि जो लोग दुनिया में आतंक फैला रहे हैं, उनमें भी शिक्षित लोग जो हाइली स्किल वाले लोग हैं. पीएम मोदी ने कहा कि हमें सोचना होगा कि हम समस्या बनना चाहते हैं या फिर समाधान करना चाहते हैं. अगर आपकी नीयत साफ है, तो आपका हर आचरण कोई ना कोई समाधान जरूर निकालेगा.

छात्रों को पीएम मोदी का संदेश
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि सफलता-असफलता हमारा भविष्य तय नहीं करतीं, फैसला लेने से अगर कोई डर लगने लगे तो हमारे लिए संकट है. अगर फैसला लेने की हिम्मत चली गई, तो समझ लीजिए कि आप युवा नहीं रही. पीएम मोदी ने विश्वभारती यूनिवर्सिटी के छात्रों से अपील करते हुए कहा कि वो सभी अगले 25 सालों के लिए एक विजन डॉक्यूमेंट बनाएं, जिनमें अपने लक्ष्यों को तय करें.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीवादी धर्मपाल के एक किस्से का जिक्र किया. पीएम मोदी ने बताया कि 1820 में भारत की साक्षरता दर काफी ऊंची थी, तब गांवों में गुरुकुल, मंदिर में पढ़ाई अधिक होती थी. पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिटिश शिक्षा पद्धति भारत में थोपे जाने से पहले थॉमस मुनरो ने माना था कि हमारी शिक्षा व्यवस्था शानदार है. लेकिन उसके बाद के कालखंड में लगातार शिक्षा के क्षेत्र को उतना बल नहीं मिल पाया.

दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरे लिए दीक्षांत समारोह को हिस्सा बनना प्रेरक है. पीएम मोदी ने कहा कि आज छत्रपति शिवाजी महाराज की जन्म जयंती भी है, गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने शिवाजी उत्सव नाम से कविता लिखी थी.

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि गुरुदेव टैगोर ने जो एकता का संदेश दिया, उसे कभी ना भूलें. गुरुदेव ने इस यूनिवर्सिटी में भारत की आत्मा को जिंदा रखा और उसकी पहचान को आगे बढ़ाया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गुरुदेव टैगोर के लिए विश्वभारती सिर्फ ज्ञान परोसने वाली संस्था नहीं थी, ये प्रयास है जिसके जरिए भारतीय संस्कृति को शीर्ष पर पहुंचाने की भावना है. गुरुदेव मानते थे, विविधताएं-विचारधाराएं रहेंगी लेकिन हमें सबको साथ लेकर चलना होगा. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले भी विश्वभारती यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम को संबोधित किया था.

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