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ममता पर हमले के बाद, तृणमूल कांग्रेस ने स्थगित किया मेनिफेस्टो रिलीज करने का कार्यक्रम

माना जा रहा था कि ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस गुरुवार के दिन अपना मेनिफेस्टो जारी कर सकती है. लेकिन अचानक ममता के पैरों पर आई चोट और उनके अस्पताल में भर्ती होने की घटना के बाद तृणमूल कांग्रेस ने मेनिफेस्टो रिलीज करने के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है.

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल फोटो) बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल फोटो)
पॉलोमी साहा
  • कोलकाता ,
  • 11 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 8:04 AM IST
  • नंदीग्राम में ममता के पैरों में आई चोट
  • कोलकाता के SSKM अस्पताल में हैं भर्ती
  • ममता ने लगाया साजिशन हमले का आरोप
  • तृणमूल कांग्रेस ने मेनिफेस्टो रिलीज करने का कार्यक्रम रोका

बंगाल की राजनीति में गर्माहट अपने चरम पर पहुंच चुकी है. नंदीग्राम से नामांकन करने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ ऐसी घटना हुई जिसने प्रदेश में हंगामा मचा दिया है. ममता ने आरोप लगाया की चार-पांच लोगों ने उन्हें धक्का मारकर नुकसान पहुंचाने की कोशिश की. इस हमले में उन्हें चोट लग गई. ममता का आरोप है कि ये सब साजिश के तहत हुआ है घटनास्थल पर कोई भी लोकल पुलिस मौजूद नहीं थी.

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फिलहाल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इसके बाद अब तृणमूल कांग्रेस ने अपना मेनिफेस्टो रिलीज करने के कार्यक्रम को रद्द कर दिया है. माना जा रहा था की ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस गुरुवार के दिन अपना मेनिफेस्टो जारी कर सकती है. लेकिन अचानक ममता के पैरों पर आई चोट और उनके अस्पताल में भर्ती होने की घटना के बाद तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने मेनिफेस्टो रिलीज करने के अपने कार्यक्रम को रद्द कर दिया है. अब आगे मेनिफेस्टो कब रिलीज होगा इसे लेकर कोई भी तारीख तय नहीं की गई है. अगली तारीख ममता की हेल्थ रिकवरी की खबरों के बाद ही बताई जाएगी.

ममता बनर्जी पर हुए हमले को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने निंदा की है. अखिलेश यादव ने तो उच्चस्तरीय जांच की मांग भी की है. इस घटना को लेकर तृणमूल कांग्रेस के ऑफिसियल ट्विटर हैंडल ने भी ट्वीट करते हुए कहा है कि ''ये पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चुप कराने की कोशिश की गई हो. इससे पहले भी किसानों के समर्थन में खड़े होने के कारण उनपर हमला हुआ है. लेकिन कोई भी ताकत उनकी इच्छाशक्ति को तोड़ नहीं सकती, वो पहले भी थीं, वो अब भी हैं, वो आगे भी आपकीमजबूत आवाज बनी रहेंगीं.''

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