
पश्चिम बंगाल में चार चरण के मतदान हो चुके हैं. अब पांचवें चरण के लिए 45 सीटों पर होने जा रहे मतदान के लिए चुनाव प्रचार चल रहा है. इस बीच चुनाव आयोग ने 24 घंटे के लिए ममता बनर्जी के प्रचार करने पर रोक लगा दी है. ममता पर लगा यह बैन सोमवार रात 8 बजे से लागू है. चुनाव आयोग ने यह कार्रवाई ममता बनर्जी के दो बयानों के चलते की है.
बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग ने हुगली में ममता के जनसभा के दौरान सांप्रदायिक मसले पर खुलेआम वोट मांगने के बयान पर उन्हें नोटिस भेजा है. वहीं ममता बनर्जी चुनाव आयोग के इस फैसले पर आज दोपहर 2 बजे कोलकाता के गांधी मूर्ति में धरना देने जा रही हैं. चुनाव आयोग के इस एक्शन के खिलाफ टीएमसी के कई नेताओं ने भी अपनी आपत्ति दर्ज कराई है.
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने चुनाव आयोग की इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे लोकतंत्र का काला दिन बताया. ब्रायन ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो ट्वीट किया जिसमें वो इसे लोकतंत्र का काला दिन बता रहे हैं और कह रहे हैं कि जब आप हमें हरा नहीं सकते तो आप हम पर प्रतिबंध लगाइए.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय रखी. अपने ट्वीट में सिन्हा ने लिखा, "हमें हमेशा चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर संदेह था." चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए उन्होंने आगे कहा, "अब यह स्पष्ट है कि चुनाव आयोग मोदी/शाह के इशारे पर और उनके सीधे आदेश के तहत काम कर रहा है. लोकतंत्र की हर संस्था से आज समझौता किया जा रहा है. हमें क्या उम्मीद है?"
क्रिकेटर मनोज तिवारी और टीएमसी नेता मनोज तिवारी ने भी चुनाव आयोग के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे लोकतंत्र का काला दिवस बताया है. मनोज तिवारी ने अपने ट्वीट में लिखा है, "क्या 'सेलेक्टिव' मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट केवल ममता बनर्जी पर लागू होता है? जब दिलीप घोष और सयंतन बसु जहर उगल रहे थे तो यह कहां था? जब शुभेंदु दीदी को बेगम कहकर अपमानित कर रहा था, तब वह कहां था? क्या चुनाव आयोग बता सकता है?"