
पश्चिम बंगाल में जारी 'शब्दबाण' के बीच बुधवार को सीएम ममता बनर्जी ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की. बुधवार शाम को ममता बनर्जी राज्य सचिवालय से सीधे राजभवन पहुंचीं और राज्यपाल जगदीप धनखड़ से भेंट की.
सचिवालय के सूत्रों ने इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट करार दिया है. राज्य सचिवालय के एक अधिकारी ने कहा कि यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी. इसमें कुछ भी आधिकारिक नहीं है. मुख्यमंत्री राज्यपाल को नववर्ष की शुभकामनाएं देना चाहती थीं.
मुख्यमंत्री और राज्यपाल की यह मुलाकात करीब एक घंटे चली. राज्यपाल एवं सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच खराब होते रिश्तों की पृष्ठभूमि में यह मुलाकात अहम है क्योंकि राज्यपाल राज्य की कानून व्यवस्था, शासन, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव की संभावना एवं अन्य मुद्दों पर अक्सर ट्वीट करते रहे हैं.
हालांकि जब ममता राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचीं तो वहां राज्यपाल ने अपनी पत्नी के साथ उनका स्वागत किया. राज्यपाल ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी, "मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज मुझसे मुलाकात करने आई, फर्स्ट लेडी सुदेश धनखड़ और मैंने उन्हें नए साल की शुभकामनाएं दीं."
राजधर्म का भी पालन करें सीएम
एक समाचार एजेंसी के मुताबिक राज्य के बीजेपी महासचिव सयात्न बासू ने कहा कि लोकतंत्र में मुख्यमंत्री कभी भी राज्यपाल से मिल सकती हैं. इस पर मुझे प्रतिक्रिया नहीं देनी है, लेकिन हम ये भी उम्मीद करते हैं कि मुख्यमंत्री राज्यपाल के द्वारा समय समय पर उठाए गए मुद्दों पर राजधर्म का भी पालन करें.
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31 दिसंबर को ही TMC ने राज्यपाल को हटाने की मांग की थी
बता दें कि ममता और राज्यपाल के बीच इस मुलाकात से मात्र 7 दिन पहले टीएमसी राज्यपाल जगदीप घनखड़ को हटाने की मांग राष्ट्रपति से कर चुकी हैं. टीएमसी सांसद सुखेंदु शेखर ने राष्ट्रपति कोविंद को ज्ञापन भेज कहा है कि राज्यपाल धनखड़ संविधान की रक्षा करने में असफल रहे हैं, ऐसे में उनको तत्काल प्रभाव से हटाकर पश्चिम बंगाल में नए राज्यपाल की नियुक्ति की जाए. इस ज्ञापन पर टीएमसी के कई और सांसदों के हस्ताक्षर हैं.
राजभवन में रबर स्टॉम्प बन कर नहीं रह सकता-धनखड़
वहीं दिसंबर महीने में कोलकाता में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा था कि मैं यहां भारत के संविधान की रक्षा के लिए हूं. ममता बनर्जी को संविधान का अनुसरण करना ही होगा. जब वे इसका अनुसरण नहीं करती हैं तो मैं उसमें पड़ता हूं. जब डेमोक्रेसी निशाने पर हो तब मैं राजभवन में रबर स्टॉम्प बन कर नहीं रह सकता हूं."
बता दें कि इसी साल पश्चिम बंगाल में अप्रैल-मई में विधानसभा के चुनाव हैं.