
विधानसभा चुनाव को देखते हुए पश्चिम बंगाल में सियासत तेज है. इस सियासत में धार्मिक प्रतीकों का भी जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है. इस बीच टीएमसी नेता और ममता बनर्जी सरकार में मंत्री स्वपन देबनाथ ने गुरुवार को राम-सीता मंदिर का उद्घाटन किया. लेकिन इस मसले पर बीजेपी के बयान के बाद राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई.
बीजेपी ने आरोप लगाया कि जिस पार्टी की सुप्रीमो (ममता बनर्जी) राम का नाम सुनते ही आगबबूला हो जाती हैं, उनके मंत्री द्वारा राम-सीता मंदिर का उद्घाटन करना वोट बैंक की राजनीति के अलावा कुछ नहीं है.
मंदिर के उद्घाटन पर बीजेपी के पूर्व बर्दवान कटवा के सांगठनिक जिला संपादक सुरजीत करमाकर ने टीएमसी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पार्टी की सुप्रीमो राम का नाम सुनते ही गर्म तेल में बैंगन के तरह जल उठती हैं और उनके मंत्री राम मंदिर का उद्घाटन कर रहे हैं. यह वोट की राजनीति से ज्यादा कुछ नहीं है.
इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि जहाननगर के भातशाला गांव में राम सीता का मंदिर था, लेकिन बाद में यह इतिहास में कहीं गुम हो गया. लेकिन पिछले साल ममता सरकार में मंत्री स्वपन देबनाथ ने इसके निर्माण की आधारशिला रखी. इसके बाद गुरुवार को देबनाथ ने राम-सीता मंदिर का उद्घाटन किया. लेकिन उद्घाटन के बाद से टीएमसी और बीजेपी में सियासी बयानबाजी शुरू हो गई.
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीति में गर्माहट बढ़ती जा रही है. बंगाल चुनाव को लेकर बीजेपी और ममता की पार्टी में सियासी घमासान जारी है. जहां बीजेपी ममता सरकार पर तुष्टीकरण का आरोप लगा रही है तो वहीं टीएमसी, बीजेपी पर सांप्रदायिकता का आरोप लगा रही है.
रिपोर्ट- सुजाता