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बिहार विधानसभा चुनाव

Mashrak: नहीं मिली सरकार से मदद, तो ग्रामीणों ने खुद ही बनाया बांस का पुल

आलोक कुमार जायसवाल
  • 04 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 10:23 PM IST
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बिहार विधानसभा चुनाव में प्रशासन व्यस्त है, तो वहीं आमजन त्रस्त है. बाढ़ के चलते हाहाकार मचा हुआ है. बाढ़ का पानी गांव में प्रवेश करने के बाद घर, खेत-खलिहान सबकुछ पानी में डूब गए हैं. ग्रामीणों ने सड़कों पर डेरा जमा लिया है. खाने पीने का सामान लाने और अस्पताल जाने से लेकर रास्ता पार करने के लिए पानी की तेज धार से गुजरने के लिए मजबूर ग्रामीणों की जब सरकार ने नहीं सुनी, तो उन्होंने खुद ही बांस का पुल बना लिया. (इनपुटः आलोक कुमार जायसवाल)

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हो रही थी बड़ी समस्या
महीने भर के अंदर मशरक प्रखंड क्षेत्र में दूसरी बार आई बाढ़ ने एक बार फिर लोगों को बेघर कर दिया है. बंगरा पंचायत के हंसाफीर गांव में बाढ़ का पानी सड़कों पर चढ़ने से आवागमन पूरी तरह ठप हो गया, जिससे लगभग-लगभग चार हजार लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. 

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लोगों को बाजार, अस्पताल और खाने पीने के सामानों के लिए कमर भर तेज पानी के बहाव को पार करके प्रखंड मुख्यालय आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था.

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खुद ही बना लिया पुल 
असुविधा को देखते हुए बंगरा पंचायत के कुछ लोगों ने जनसहयोग के माध्यम से सड़क पर बह रहे बाढ़ के पानी के ऊपर से बांस की चचरी पुल बनाया है, जिससे आसानी से रास्ता पार किया जा सके. ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ के पानी में पूरी पंचायत डूबी हुई है. 

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हंसाफीर गांव को मशरक एस एच-90 से जोड़ने वाली मुख्य पथ पर तेज बहाव के साथ चार फीट पानी बह रहा है. जिससे गांव वालों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा था. लोगों की परेशानी को देखते हुए यह पुल बनाया गया है. मौके पर ग्रामीणों ने बताया कि सरकार ने अभी बाढ़ सहायता राशि खातों में भेजी ही नहीं कि दूसरी बार बाढ़ आ गई. वहीं, अभी तक लोगों को कोई भी सरकारी सहायता नहीं मिली है.

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