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बिहार विधानसभा चुनाव

Nalanda: 15 साल में बदल गई नीतीश के गांव की सूरत, लेकिन पास के गांवों में सड़क तक नहीं

रंजीत कुमार सिंह
  • 31 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 11:32 PM IST
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बिहार के सीएम नीतीश कुमार के 15 साल के शासन काल में भी उनके पैतृक गांव से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कई गांव आज भी ग्रामीण विकास की रौशनी की राह देख रहे हैं.

(इनपुट- रंजीत कुमार सिंह)

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आज तक यहां सड़क नहीं पहुंची और अगर पहुंची भी तो वह नीतीश के शासनकाल से पहले यानी लालू यादव के शासन काल में. लेकिन अब स्थिति यह है कि उस पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है.  
    

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गोनकुरा और दरवेस्पुर गांव नालंदा जिले में पड़ा है. लोगों का कहना है कि ये दोनों गांव नीतीश कुमार के पैतृक गांव कल्याण बिगहा से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर हैं. आज कल्याण बिगहा स्वर्ग हो गया. नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने से पहले गांव में बाइक भी जाना मुश्किल थी पर आज उनके गांव में तीन तरफ से सड़क बना दी गई है. 
 

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इन दोनों गांवों में अभी तक सिर्फ नीतीश के नाम पर लोगों ने वोट किया है लेकिन गांव में कोई विकास नहीं हुआ. गांव में सात निश्चय योजना से नल के जल के लिए पाइप तो बिछा दी गई है पर आज तक किसी के घर में पानी नहीं आया है.

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ग्रामीण इसकी शिकायत अधिकारियों से कर के थक चुके हैं. इन ग्रामीणों की कोई सुध लेने वाला नहीं है. इसलिए इस बार चुनाव में यहां के लोगों का मूड बदल रहा है और लोग अपनी नाराजगी वोट के माध्यम से दिखाना चाहते हैं.
 

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