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बिहार विधानसभा चुनाव

श्याम रजक: नीतीश की JDU का दलित चेहरा अब RJD का कर्णधार

कुबूल अहमद
  • 19 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 4:46 PM IST
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बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नीतीश सरकार के मंत्री और जेडीयू के दलित चेहरे श्याम रजक विधायक पद से इस्तीफा देकर आरजेडी में शामिल हो गए. श्याम रजक की गिनती कभी लालू यादव के सबसे करीबी नेताओं में होती थी, लेकिन बाद में उन्होंने जेडीयू का दामन थाम लिया था और नीतीश कुमार के राइट हैंड माने जाने लगे थे. अब फिर एक बार श्याम रजक ने घर वापसी की है.

श्याम रजक ने छात्र राजनीति से अपना सियासी सफर शुरू किया था और 1974 में हुए जेपी आंदोलन में भी भाग लिया था. इसके बाद आरजेडी के टिकट पर 1995 में विधायक बने थे. इसके बाद उन्होंने कभी सियासत में पलटकर नहीं देखा और आगे बढ़ते गए. 1995 के बाद 2000, फरवरी 2005 और नवंबर 2005 में आरजेडी से विधायक बने. इस दौरान लालू यादव से लेकर राबड़ी देवी की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे. 

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श्याम रजक ने 2009 में आरजेडी छोड़कर जेडीयू का दामन थाम लिया. 2010 और 2015 के चुनाव में जेडीयू प्रत्याशी के तौर पर विधायक बने. इतना ही नहीं, नीतीश कुमार सरकार में मंत्री रहे और जेडीयू के दलित चेहरे के तौर पर अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे. 

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श्याम रजक पटना की फुलवारीशरीफ सीट से विधायक हैं. पिछले 6 बार से लगातार वो यहां से जीतते आ रहे हैं. यह ऐसी सीट है, जहां पर मुस्लिम समुदाय की अच्छी खासी संख्या है. ऐसे में मुस्लिम समुदाय के कई धार्मिक केंद्र भी इसी इलाके में आते हैं, जिसकी वजह से श्याम रजक की मुस्लिम समुदाय के बीच अच्छी पकड़ है. श्याम रजक दलित मुस्लिम समीकरण के जरिए लगातार जीत दर्ज करने में कामयाब रहे. 

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श्याम रजक अखिल भारतीय धोबी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं.सामाजिक कार्यों में श्‍याम रजक की काफी रुचि है. श्याम रजक ने पंजाब में आतंकवाद के खिलाफ अमृतसर से दिल्ली तक पदयात्रा की थी. वहीं, ओडिशा के कालाहांडी में भूख से मरने के कारण वहां भी पदयात्रा कर इन्‍होंने सहायता कार्य में मुख्‍य भूमिका निभाई.

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श्याम रजक साउथ अफ्रीकन इंटरनेशन ट्रेड एक्जीबिशन में भाग लेने हेतु दक्षिण अफ्रीका का भ्रमण करने वाले श्‍याम रजक ने पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर के नेतृत्व में कन्याकुमारी से दिल्ली तक पदयात्रा की थी. जमीन से जुड़े हुए नेता माने जाते हैं और बिहार में दलित राजनीति का प्रमुख चेहरा हैं.

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श्याम रजक 2010 में जेडीयू के कोटे से विधायक चुने गए और नीतीश सरकार में कैबिनेट मंत्री बने. इसके बाद 2015 में महागठबंधन से विधायक तो बने लेकिन मंत्री पद नहीं मिला. हालांकि, महागठबंधन का साथ छोड़कर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद नीतीश कुमार ने श्याम रजक को अपनी कैबिनेट में जगह दी थी, लेकिन अब चुनाव से पहले आरजेडी में शामिल हो गए हैं
 

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