बिहार चुनाव की घोषणा हो चुकी है लेकिन विकास के वादे पूरे नहीं हो पा रहे हैं. गोपालगंज के देवापुर में तेज बारिश और बाढ़ के पानी के तेज बहाव की वजह से छरकी (तटबंध) टूट गया है. जिससे करीब 20 गांव पानी में डूब गए हैं. जुलाई में हुई बारिश में भी यह तटबंध टूटा था, तब 201 गांव पानी में समा गए थे लेकिन सरकार को इन गांवों की सुरक्षा को लेकर कोई चिंता नहीं है. (रिपोर्टः सुनील कुमार तिवारी)
जुलाई में हुई बारिश में गंडक बैराज से 4 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. जिसकी वजह से देवापुर का तटबंध और सारण का मुख्य बांध टूट गया था. बाद में एक अस्थाई रिंग बांध बनाकर उस मुख्य बांध को जोड़ा गया था. गुरुवार शाम गंडक पर स्थित बाल्मिकी बैराज से 4.12 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया. जिसकी वजह से गंडक नदी के जलस्तर में काफी इजाफा हुआ.
इसकी वजह से पानी रिंग बांध के ऊपर से बह गया और देवापुर तटबंध टूट गया. ये आशंका भी जताई जा रही है कि ज्यादा दबाव पड़ने पर और पानी फैला. कई गांवों को अपने में समा ले गया जैसा कि जुलाई के महीने में हुआ था. प्रशासन लगातार ग्रामीणों से कह रहा है कि वे सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं. ज्यादा से ज्यादा सावधानी बरतें.
ग्रामीण बताते हैं कि 23 जुलाई को हुई भारी बारिश की वजह से आई बाढ़ से तटबंध टूटे थे. इसकी वजह से 201 गांवों में पानी घुस गया था. इस बार भी अब तक 20 गांव पानी में समा चुके हैं. गंडक नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के कारण गोपालगंज जिले के बरौली, सिधवलिया और बरौली प्रखंड में दोबारा बाढ़ की आशंका बढ़ती जा रही है.
देवापुर गांव में पानी घुसने के बाद ही आसपास के गांवों में पानी घुसने लगता है. क्योंकि देवापुर का तटबंध और सारण का मुख्य बांध एक बार फिर टूट गया है. सारण तटबंध का जो हिस्सा मरम्मत किया जा रहा था उसके ऊपर से पानी बह रहा है. जिसकी वजह से एक बार फिर दर्जनों गांवों में पानी घुसने की आशंका सता रही है.
ग्रामीणों के बीच पहले की तबाही का आलम दोबारा से घूमने लगा है. ग्रामीण भयभीत होकर बचने के उपाय में लग गए हैं. चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल है. गोपालगंज के एसडीएम उपेंद्र कुमार पाल का कहना है कि बाल्मीकिनगर बैराज से चार लाख क्यूसेक से अधिक पानी छूटने से गंडक नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है.
यही कारण है कि पिछली बार जहां तटबंध टूटा था, वहीं से पानी पुनः बह कर पहले की तरह उन्हीं गांवों में जा रहा है. पहले से प्रभावित लोगों से स्थानीय प्रशासन ने अनुरोध किया है कि पानी के फैलने से पहले सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं. वहां भी जा सकते हैं जहां जुलाई के महीने में गए थे.