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बिहार विधानसभा चुनाव

Raxaul: चीन की बड़ी साजिश, नेपाली युवाओं को सिखाई जा रही चाइनीज भाषा

aajtak.in
  • 30 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 7:30 PM IST
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चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. दोस्ती की आड़ में पहले भूमि अतिक्रमण और अब चीन की नजर नेपाली युवाओं पर है. बिहार नेपाल के सीमावर्ती इलाके के युवाओं को चीन द्वारा कम शुल्क पर अपनी भाषाओं का पाठ पढ़ाया जा रहा है, तो वहीं चीनी महिलाओं द्वारा युवाओं को रिझाने का काम किया जा रहा है. (रिपोर्ट: गणेशशंकर)

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साथ ही अब व्यापार में भी चाइनीज महिलाओं को लगा दिया गया है. जो व्यापार के साथ अपने हुस्न का जाल बिछाकर युवाओं को अपनी ओर खींच रहीं हैं. जानकारी के अनुसार नेपाल के जिला परसा के बीरगंज के अलखिया मठ के पास ऐसी ही एक दुकान की शुरुआत की गई है, जिसमें 30 से 35 की संख्या में चाइनीज महिलायें अपने देश के माल को बाजार मूल्य से आधे दाम में बिक्री कर रही हैं. 

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दरअसल, बिहार नेपाल के सीमावर्ती इलाके बीरगंज, विराटनगर जैसे कई अन्य क्षेत्रों में कोविड-19 के बहाने गरीब असहाय  नेपाली युवाओं को चाइनीज भाषा का पाठ पढ़ाया जा रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में युवा चाइनीज, कोरियन भाषा पढ़ रहे हैं. वह भी बहुत कम फीस देकर. दर्जनभर स्टडी सेंटर सीमाई इलाके नेपाल में खोल दिए गए हैं. 

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नेपाल में चाइनीज सामान की भरमार रहती है. भारतीय क्या यहां घूमने के लिए आने वाले अन्य विदेशी भी इन सामान की जमकर खरीदारी करते हैं. खुद का व्यापार बढ़ाने के साथ ही चीन की नजर नेपाली युवाओं पर भी है. 

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साथ ही ये चाइनीज महिलाएं व्यापार के साथ युवाओं को अपने अपने मोह जाल में फंसाकर अपने देश के इशारे पर  इन युवाओं से असमाजिक कार्य भी करा रही हैं. बताया गया कि कि चीन सीमाई इलाकों में एसी गतिविधियां कर भारत को घेरने की रणनीति बना रहा है.

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