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बिहार विधानसभा चुनाव

Muzaffarpur: पशु शेड योजना में घपला, लाभुक कोई है पैसा कहीं और जा रहा!

मणिभूषण शर्मा
  • 28 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 6:15 PM IST
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बिहार सरकार पशु पालकों के लिए पशु शेड योजना चला रही है. लाभुकों को शेड बनाकर भी सौंप रही है. लेकिन, बिहार के मुजफ्फरपुर के औराई प्रखंड में इसकी हकीकत कुछ और ही है. तय मानक के अनुरूप पशु शेड नहीं बने हैं. उन्हें जैसे-तैसे तैयार कर पशु पालकों को दिया गया है. आज तक की ग्राउंड रिपोर्ट और डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह को मिली रिपोर्ट में पशु शेड योजना की कलई खुल गई है. शेड पूरी तरह बना भी नहीं और लाभुकों के नाम पर राशि की निकासी बैंक खाते से हो गई. जिनके नाम पर राशि की निकासी की गई. उन्हें इसकी भनक तक नहीं है. पैसे बिचौलिये खा रहे हैं.  (रिपोर्टः मणिभूषण शर्मा)

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आजतक की टीम सबसे पहले रामपुर पंचायत के अजय उर्फ पप्पू पासवान के घर पहुंची. पशु शेड के बारे में जानकारी ली. पूछने पर उन्होंने बताया कि आधार कार्ड और पासबुक की फोटो कॉपी लेने के बाद हमारा पशु शेड निर्माण कराया गया. इसमें हमें सिर्फ दो हजार ईंट और थोड़ी सी निर्माण सामग्री ही दी गई. अब शेड गिरने की कगार पर है. एक रुपये भी अजय के बैंक खाते में नहीं आया. सरकार द्वारा बनाए जा रहे पशु शेड में नाद, फर्स व यूरिनल ट्रैक निर्माण कराना है. जिसकी न्यूनतम राशि एक लाख तीस हजार से लेकर एक लाख 70 हजार तक है. 

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दूसरे लाभुक विसोरी ठाकुर को भी पशु शेड मिला था. लेकिन इसके निर्माण का कोई मानक ही नहीं है. विसोरी ठाकुर ने बताया कि पशु शेड बनाए हैं. पैसा मेरा कितना आया यह हमको पता नहीं है. यह हमने सचिव सुकेश चौधरी के माध्यम से बनवाया है. पैसा हमारे खाते में नहीं आया है. मेरे खाते में सिर्फ 64 रुपये हैं. जब उन्होंने राशि के संबंध में पूछा तो उन्हें बताया गया कि रुपये सीधे सीमेंट गिट्टी व बालू वाले के खाते में आता है.

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वहीं जब इस मामले में मनरेगा पदाधिकारी मनोज कुमार से हमने बात की तो शुरू में उन्होंने मानक के अनुरूप स्वयं जांच करके राशि भुगतान की बात कही. लेकिन जब अपनी बातों में वो फंसने लगे तो सब की जांच कर पाना संभव नहीं होने का हवाला देने लगे. उन्होंने कहा- पशु शेड के लिए लाभुक को केवल उसकी मजदूरी दी जाएगी. जो वेंडर है उसके अकाउंट में राशि भेजा जाता है. हमारे यहां 100 से 125 शेड बना हुआ है. मैंने निरीक्षण भी किया है. जेई देखता है फिर पेमेंट होता है. 26 पंचायत है तो संभव नहीं है कि हम सभी का निरीक्षण करें. कभी-कभी जाकर देखते हैं. जो मापदण्ड पर बनता है उसी का पेमेंट होता है. 

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पूरे मामले को जिलाधिकारी डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने गंभीरता से लेते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कहीं है. जिला पदाधिकारी ने बताया कि हम लोगों ने जिले और सभी पंचायतों में बड़े पैमाने पर पशु शेड बनवाए हैं. ताकि पशुपालक को लाभ मिल सके. वहीं, कुछ जगह से हम लोगों की शिकायत प्राप्त हुई है. विशेष कर औराई प्रखंड से मानक के अनुरूप पशु शेड का निर्माण नहीं हुआ है. इसकी हम लोग जांच करवाएंगे और उसमें सुधार करवाएंगे. सुधार नहीं हुआ तो कड़ी कार्रवाई होगी. जो भी पदाधिकारी दोषी होंगे. उनपर कड़ी कार्रवाई होगी. चाहे वो पीआरएस हो या पीओ हो. 

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