
आगामी बिहार विधानसभा चुनाव की जंग को त्रिकोणीय बनाने के लिए अब आम आदमी पार्टी भी मैदान में उतर गई है. कोविड-19 महामारी के दौरान बिहार के वोटरों को लुभाने के लिए आम आदमी पार्टी ने एक अनोखा दांव खेला है. आम आदमी पार्टी ने दिल्ली से सैकड़ों की संख्या में ऑक्सीमीटर (खून में ऑक्सीजन की मात्रा जांचने वाली मशीन) बिहार भिजवाया है, जिसे पार्टी के कार्यकर्ता सभी जिलों में लेकर अब घूम रहे हैं ताकि आम आदमी पार्टी की तरफ लोगों को आकर्षित कर सकें.
जानकारी के मुताबिक, आम आदमी पार्टी ने ऑक्सीमीटर बिहार के सभी पंचायतों में भिजवाया है और पार्टी के कार्यकर्ता ऑक्सीमीटर के जरिए लोगों की तबीयत की जांच कर रहे हैं और उन्हें परामर्श दे रहे हैं कि कैसे महामारी के दौरान लोग एहतियात बरत सकते हैं.
हालांकि आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता पंकज प्रियदर्शी ने इसे राजनीतिक नहीं बल्कि मानवीय कदम बताया है. उन्होंने कहा, “पूरे हिंदुस्तान में हमारे कार्यकर्ता डोर टू डोर ऑक्सीमीटर लेकर जा रहे हैं. इसी तर्ज पर बिहार के 534 प्रखंड में पंचायत लेवल पर आम लोगों की जांच कर रहे हैं. आम आदमी पार्टी के इस पहल पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह एक मानवीय कदम है.”
बता दें कि ऑक्सीमीटर से जांच करने के बाद पार्टी कार्यकर्ता लोगों को यह भी बता रहे हैं कि अगर उनके शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा 95 फीसदी से कम होती है तो उन्हें तुरंत अस्पताल जाना चाहिए. बिहार में चुनाव सर पर है और ऐसे में आम आदमी पार्टी ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए यह नया तरीका अपनाया है.
बता दें, 2019 लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने बिहार में तीन सीट पर चुनाव लड़ा था जिसमें किशनगंज, भागलपुर और सीतामढ़ी शामिल थे मगर उन्हें करारी हार मिली. 2014 लोकसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने बिहार में 40 में से 39 सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारा था मगर हर जगह उसे शिकस्त का सामना करना पड़ा.
वहीं आम आदमी पार्टी के इस कदम का जनता दल यूनाइटेड ने विरोध किया है और कहा, “कुछ प्रखंडों से इस बात की खबर मिली है कि हम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता खुद ऑक्सीमीटर लेकर लोगों की जांच कर रहे हैं. यह चुनावी कवायद है. पिछले 5 महीने से आम आदमी पार्टी को बिहार के लोगों की फिक्र नहीं हुई मगर चुनाव आते ही उन्हें बिहार के लोगों की याद आ गई. ये आचरण कहीं न कहीं गैरकानूनी ही है राज्य सरकार को इसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.”