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Gaya: नक्सली क्षेत्रों में कड़े सुरक्षा घेरे में पहुंच रहे बैलेट बॉक्स, पोलिंग पा​र्टियां भी हुईं रवाना

गया कॉलेज गया से पुलिस बल ईबीएम मशीन लेकर अपने-अपने बूथों के लिए रवाना हुए. इनके साथ ही पोलिंग पार्टियों की भी रवानगी शुरू हो गई है. गया जिले के अंतर्गत 10 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिसमें गया, बेलागंज, अतरी, वजीरगंज, गुरुआ, बोधगया, इमामगंज, बाराचट्टी, शेरघाटी, टेकारी आती हैं.

गया में प्रथम चरण में 28 अक्टूबर को वोटिंग. गया में प्रथम चरण में 28 अक्टूबर को वोटिंग.
aajtak.in
  • गया,
  • 27 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 5:53 PM IST
  • गया में प्रथम चरण में 28 अक्टूबर को वोटिंग
  • गया में पुलिस ने तीन आईईडी बम बरामद किए
  • नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 का पहले चरण का मतदान 28 अक्टूबर को 71 सीटों के लिए होना है. गया में होने वाले मतदान के लिए कड़ी सुरक्षा घेरे के बीच बैलेट बॉक्स और पोलिंग पार्टियों को रवाना किया गया. पुलिस प्रशासन द्वारा गया के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. 

गया कॉलेज गया से पुलिस बल एबीएम मशीन लेकर अपने-अपने बूथों के लिए रवाना हुए. इनके साथ ही पोलिंग पार्टियों की भी रवानगी शुरू हो गई है. गया जिले के अंतर्गत 10 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिसमें गया, बेलागंज, अतरी, वजीरगंज, गुरुआ, बोधगया, इमामगंज, बाराचट्टी, शेरघाटी, टेकारी आती हैं. वहीं कई ऐसे विधानसभा क्षेत्र है जहां नक्सलियों का गढ़ भी माना जाता है, जिसको लेकर नक्सल क्षेत्रों में सीआरपीएफ, कोबरा टीम के साथ एसएसबी के जवान भी मुस्तैद दिखाई दे रहे हैं. 

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गया के डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट अभिषेक कुमार सिंह ने बताया कि नक्सल प्रभावित इलाकों में मतदान कड़ी सुरक्षा घेरे में होगा. नक्सलियों के मंसूबों पर पानी फेरने के लिए प्रशासन ने भारी संख्या में नक्सल प्रभावित इलाकों के चप्पे-चप्पे में अर्ध सैनिक बल सहित विभिन्न सुरक्षा बलों की तैनाती की है. मतदान पेटियों को लेकर मतदान कर्मी अपने अपने बूथों की ओर रवाना हो रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की, कि मतदान के इस महापर्व में बढ़चढ़कर हिस्सा लें. 

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम.

बता दें कि आज ही गया के इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में पुलिस ने तीन आईईडी बम बरामद किए हैं. इन बम को नष्ट कर भले ही नक्सलियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया गया है, लेकिन चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराना अभी भी पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है.

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(इनपुट-बिमलेंदु चैतन्य)

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