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जेडीयू से गठबंधन के बावजूद बीजेपी अपने कोर वोट को कमजोर नहीं करना चाहती

बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों के चयन में अपने कोर वोट बैंक अगड़ी जाति पर खास फोकस किया है. बुधवार को बीजेपी ने 35 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है, जिसमें 28 फीसदी टिकट सवर्णों को दिए हैं. हालांकि, बीजेपी ने इस बार के चुनाव में बीजेपी ने अपने कोटे की 110 सीटों में से 50 टिकट यानी 45 फीसदी टिकट आगड़ों को देने का काम किया है. 

बिहार बीजेपी नेताओं के साथ जेपी नड्डा बिहार बीजेपी नेताओं के साथ जेपी नड्डा
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली ,
  • 15 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 10:20 AM IST
  • बिहार में बीजेपी का अगड़ों पर खास फोकस
  • बीजेपी ने 45 फीसदी टिकट अगड़ों को दिए
  • बीजेपी ने इस बार 15 यादव प्रत्याशी उतारे हैं

बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी भले ही जेडीयू के साथ मिलकर चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रही हो, लेकिन अपने कोर वोटबैंक को कमजोर नहीं करना चाहती है. बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों के चयन में अपने कोर वोटबैंक अगड़ी जाति पर खास फोकस किया है. बुधवार को बीजेपी ने 35 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है, जिसमें 28 फीसदी टिकट सवर्णों को दिए हैं. हालांकि, बीजेपी ने पहली लिस्ट में 62 फीसदी और दूसरी लिस्ट में 48 फीसदी टिकट सवर्ण समुदाय को दिया था. इस बार के चुनाव में बीजेपी ने अपने कोटे की 110 सीटों में से 50 टिकट यानी 45 फीसदी टिकट अगड़ों को देने का काम किया है. 

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बीजेपी का सवर्णों पर खास फोकस
बीजेपी ने बुधवार को तीसरी सूची जारी करते हुए 35 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है, जिसमें सबसे ज्यादा 10 सवर्ण और 10 वैश्य समुदाय के प्रत्याशी हैं. 10 सवर्ण समुदाय में 3 भूमिहार, 3 राजपूत, 3 ब्राह्मण और एक कायस्थ समुदाय से प्रत्याशी उतारा है. इसके अलावा ओबीसी समुदाय से 1 कुशवाहा, 3 यादव, 6 अति पिछड़ा और 5 सीटों पर अनुसूचित जाति के प्रत्याशी उतारे हैं. बीजेपी ने वैश्य समुदाय में जायसवालों पर खास फोकस रखा है. 

बता दें कि बीजेपी ने 29 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी, जिनमें 18 टिकट सवर्ण समुदाय को दिए थे. इसमें बीजेपी ने सात टिकट राजपूत, 6 भूमिहार और 5 ब्राह्मणों को देकर अपने कोर वोटबैंक को साधने की कवायद की है, जो कि 62 फीसदी था. इसके बाद बीजेपी ने दूसरी लिस्ट 46 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया था, जिनमें 22 सीटों पर सवर्ण समुदाय के लोगों पर भरोसा जताया था. इनमें 11 राजपूत, पांच भूमिहार, चार ब्राह्मण और दो कायस्थ हैं. इसके अलावा चार वैश्य समुदाय को भी प्रत्याशी बनाया है. बीजेपी का आंकड़ा 48 फीसदी होता है और अब 28 फीसदी टिकट दिए हैं. इस तरह से बीजेपी ने 110 सीटों में से 50 टिकट यानी की 45 फीसदी सीटों पर सवर्ण समुदाय के प्रत्याशी लड़ेंगे. 

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बीजेपी ने 13 टिकट महिलाओं को दिए
बीजेपी ने तीसरे चरण की सूचि में छह महिला उम्मीदवारों को भी टिकट दिया है. इनमें राजनगर से भागीरथी देवी, नरकटियागंज से रश्मि वर्मा, परिहार से गायत्री देवी, किशनगंज से स्वीटी सिंह, प्राणपुर से निशा सिंह और कोढ़ा सीट से कविता पासवान का नाम शामिल हैं. पहले लिस्ट में पांच, दूसरी में दो और तीसरी में 6 महिलाओं को बीजेपी ने टिकट दिए हैं. इस तरह से बीजेपी ने अपने कोटे की 110 सीटों में से कुल 13 सीटों पर महिला प्रत्याशी उतारे हैं. 

बीजेपी ने विधायकों के टिकट काटे
बीजेपी ने अपनी तीसरी सूची में भी तीन मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए हैं. बगहा से विधायक राघव शरण पांडेय का टिकट काट दिया है और उनकी जगह पर राम सिंह को कैंडिडेट बनाया है. रक्सौल से भाजपा विधायक अजय सिंह का भी टिकट काट दिया है और उनकी जगह प्रमोद सिन्हा को प्रत्याशी बनाया गया है. साथ ही बथनाहा विधायक दिनकर राम का टिकट भी कटा है. बीजेपी इससे पहले वाली लिस्ट में अपने चार विधायकों का टिकट काटे थे. इस तरह से करीब बीजेपी ने अपने मौजूदा सात विधायकों के टिकट काटे हैं. 
 

बीजेपी यादवों पर भी मेहरबान 
बीजेपी ने कोर वोटबैंक के साथ-साथ ओबीसी और अति पिछड़ा समुदाय का भी ख्याल रखा है. बीजेपी ने तीसरी सूचि में 10 टिकट पिछड़-अति पिछड़े समुदाय के लोगों को दिए हैं. बीजेपी ने तीसरी लिस्ट में तीन यादव प्रत्याशी उतारे हैं जबकि इससे पहले की दो लिस्ट में 12 यादव प्रत्याशी दिए थे. इस तरह से बीजेपी ने कुल 15 यादव कैंडिडेट उतारकर आरजेडी के मूलवोट बैंक में सेंधमारी का दांव चला है. हालांकि, 2015 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 22 यादव प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से 6 जीतने में कामयाब रहे थे.

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