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बिहार चुनाव: BJP से ज्यादा JDU के लिए सिरदर्द बनेगी RJD, 77 सीटों पर सीधी फाइट

बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी 144 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरी है, जिनमें से 77 सीटों पर जेडीयू और 51 सीटों पर बीजेपी से मुकाबला है. इस तरह से आरजेडी बिहार में बीजेपी के ज्यादा जेडीयू यानी नीतीश कुमार के लिए चुनौती पेश करेगी. ऐसे में देखना होगा कि इस मुकाबले में कौन किस पर भारी पड़ता है?

तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 20 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 1:25 PM IST
  • बिहार की 77 सीटों जेडीयू बनाम आरजेडी मुकाबला
  • बिहार की 51 सीटों पर बीजेपी के खिलाफ आरजेडी
  • बिहार: नीतीश बनाम तेजस्वी के बीच होता मुकाबला

बिहार विधानसभा चुनाव में ऐसे राजनीतिक समीकरण बने हैं, जहां बीजेपी से ज्यादा नीतीश कुमार की जेडीयू के लिए तेजस्वी यादव की आरजेडी चुनौती बनी हुई है. आरजेडी बिहार में 144 सीटों पर चुनाव मैदान में उतरी है, जिनमें से 77 सीटों पर जेडीयू और 51 सीटों पर बीजेपी से उसका मुकाबला है. 

बिहार के 2015 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी और जेडीयू साथ मिलकर चुनाव लड़े थे, लेकिन इस बार समीकरण बदल गए हैं और दोनों पार्टियां आमने-सामने मैदान में हैं. महागठबंधन के तहत आरजेडी ने 144 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं जबकि 70 सीटों पर कांग्रेस और 29 सीटों पर वामपंथी दल मैदान में हैं. वहीं, एनडीए में सीट शेयरिंग में बीजेपी 110 और जेडीयू 115 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं. इसके अलावा 7 सीटों पर जीतनराम मांझी की हम और 11 सीटों पर मुकेश सहनी की वीआईपी के प्रत्याशी हैं. 

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तेजस्वी यादव ने सीट शेयरिंग में जो सियासी गणित बैठाया है, उसमें बीजेपी को 110 सीटों में से 51 सीटों पर आरजेडी से दो-दो हाथ करना है जबकि बाकी 59 सीटों पर कांग्रेस और वामपंथी दलों से उसका मुकाबला है. 

वहीं, जेडीयू के 77 प्रत्याशियों के खिलाफ आरजेडी के उम्मीदवार मैदान में हैं. बाकी की 38 सीटों पर जेडीयू को कांग्रेस और वामपंथी दलों से मुकाबला करना है. ऐसे में जेडीयू को ही आरजेडी से ज्यादा चुनौती मिल रही है, क्योंकि एलजेपी ने भी उसके खिलाफ अपने प्रत्याशी उतार रखे हैं. 

विपक्षी चक्रव्यूह से घिरे नीतीश कुमार इस बार के चुनाव में लालू-राबड़ी पर कुछ ज्यादा हमलावर हैं. वो 1990 से 2005 यानी 15 साल के आरजेडी के कामकाज को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर तेजस्वी यादव भी नीतीश कुमार पर ज्यादा हमलावर हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज पर सवाल खड़े करने के बजाय वो नीतीश कुमार को टारगेट पर ले रहे हैं.

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बिहार में बेरोजगारी को एक बड़ा मुद्दा बनाने में तेजस्वी जुटे हैं. साफ है कि आरजेडी की रणनीति बिहार चुनाव को तेजस्वी बनाम नीतीश कुमार बनाने की है, वे इसमें कितना कामयाब होंगे ये अगले कुछ दिन में साफ होगा जब पीएम नरेंद्र मोदी प्रचार मैदान में उतरेंगे. मोदी और नीतीश की बिहार में साझा रैलियां होनी हैं. 

 

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