
बिहार विधानसभा चुनाव की सियासी जंग को फतह करने के लिए राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है. बिहार चुनाव में एनडीए और महागठबंधन ने जिन-जिन महिलाओं को टिकट दिया है, उनमें से महज पांच सीटें ऐसी हैं, जहां दोनों गठबंधनों से महिलाएं आमने-सामने हैं. ऐसे में महिला बनाम महिला के बीच होने वाला सियासी संग्राम काफी दिलचस्प हो गया है.
बता दें कि नीतीश कुमार की अगुवाई वाले एनडीए से 37 महिलाएं मैदान में किस्मत आजमा रही हैं जबकि तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन से 24 महिला प्रत्याशी मैदान में हैं. ऐसे में कटोरिया (सु), मसौढ़ी (सु), बाराचट्टी (सु), कोढ़ा (सु) और परिहार सीटें ऐसी हैं, जहां एनडीए और महागठबंधन से महिला प्रत्याशी ही चुनावी मैदान में उतरी हैं. इसके अलावा बाकी सभी सीटों पर महिलाएं पुरुषों को टक्कर दे रही हैं.
कटेरिया: स्वीटी बनाम निक्की
अनुसूचित जनजाति सुरक्षित कटोरिया सीट पर इस बार दो महिला प्रत्याशियों के बीच मुकाबला माना जा रहा है. महागठबंध की ओर से आरजेडी की मौजूदा विधायक स्वीटी सीमा हेम्ब्रम दूसरी बार मैदान में उतरी हैं, जिनके खिलाफ बीजेपी ने एक बार फिर से डॉ. निक्की हेम्ब्रम पर भरोसा जताया है. निक्की हेम्ब्रम के ससुर सोनेलाल हेम्ब्रम 2010 में इस सीट से विधायक रह चुके हैं. आदिवासी आबादी के साथ आरजेडी का वाई समीकरण इस सीट का मजबूत गणित माना जाता है, जिसके सहारे 2015 के चुनाव में आरजेडी की स्वीटी ने बीजेपी को करीब 10 हजार मतों मतों से मात दी थी. हालांकि, इस बार बदले हुई समीकरण में इस सीट पर कांटे की टक्कर मानी जा रही है.
मसौढ़ी: आरजेडी बनाम जेडीयू
पटना जिले की मसौढ़ी विधानसभा सीट पर दो महिलाएं आमने-सामने हैं. इस सीट पर मुख्य मुकाबला जेडीयू के नूतन पासवान और आरजेडी की मौजूदा विधायक रेखा देवी के बीच है. पिछले चुनाव में भी इन्हीं दोनों के बीच सियासी मुकाबला हुआ था और आरजेडी करीब 39 हजार मतों से जीत दर्ज करने में कामय रही थी. हालांकि, नूतन पासवान जीतनराम मांझी की पार्टी से मैदान में उतरी थीं. इस बार जेडीयू से किस्मत आजमा रही हैं. ऐसे में देखना है कि इस बार सियासी बाजी कौन जीतता है.
बाराचट्टी: सात बार महिला विधायक रहीं
बाराचट्टी विधानसभा सीट से सात बार महिलाएं जीतकर विधानसभा पहुंच चुकी हैं. इस बार के चुनाव मैदान में मुख्य मुकाबला दो महिला प्रत्याशियों के बीच होता नजर आ रहा है. बाराचट्टी से आरजेडी की समता मांझी और एनडीए के तहत हिंदुस्तान आवाम मोर्चा से ज्योति देवी किस्मत आजमा रही हैं. 2015 में यहां से आरजेडी की समता देवी ने एलजेपी की सुधा देवी को 19 हजार वोट से हराया था. इससे पहले समता देवी 2003 के उप-चुनाव में आरजेडी के टिकट पर जीती थीं जबकि 2010 में जेडीयू से ज्योति देवी जीत चुकी हैं. ऐसे में एक बार दोनों के बीच सियासी संग्राम माना जा रहा है.
कोढ़ा: कांग्रेस और बीजेपी के बीच लड़ाई
कटिहार जिले की कोढ़ा विधानसभा सीट अनुसूचित जाती के लिए आरक्षित है. यहां से कांग्रेस की पूनम पासवान और बीजेपी की कविता पासवान के बीच सियासी मुकाबला माना जा रहा है. 2015 के चुनाव में कांग्रेस की पूनम कुमारी ने अपने निकतटम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के महेश पासवान को शिकस्त दी थी. पिछले कुछ चुनावों से यहां दोनों पार्टियों के बीच कांटे की लड़ाई देखने को मिलती रही है और इस बार भी मुख्य मुकाबला इन्हीं दो पार्टियों के बीच माना जा रहा है.
परिहार: मुखिया बनाम विधायक की जंग
सीतामढ़ी जिले की परिहार विधानसभा सीट बीजेपी का मजबूत गढ़ माना जाता है, जहां इस बार दो महिलाओं के बीच सियासी संग्राम है. बीजेपी ने अपने मौजूदा विधायक गायत्री देवी को चुनावी मैदान में उतारा है तो आरजेडी ने चर्चित मुखिया रितू जायसवाल को प्रत्याशी बनाया है. 2015 के चुनाव में बीजेपी की गायत्री देवी ने आरजेडी के दिग्गज नेता राम चंद्र पूर्वे को चार हजार मतों से मात दी थी जबकि जेडीयू का उन्हें समर्थन हासिल था. इस बार रितू जायसवाल के उतरने से मुकाबला काफी दिलचस्प माना जा रहा है.