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RJD में आते ही नीतीश कुमार पर बरसीं लवली आनंद- उन्होंने सब नेताओं को जेल भेज दिया

लवली आनंद ने नीतीश कुमार की सरकार को जुल्मी सरकार करार दे दिया और कहा कि उन्होंने उनके पति आनंद मोहन समेत राज्य के सभी बड़े नेताओं को जेल भेज दिया.

लवली आनंद अपने पति आनंद मोहन के साथ लवली आनंद अपने पति आनंद मोहन के साथ
कुणाल कौशल
  • पटना,
  • 28 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 2:55 PM IST
  • आनंद मोहन की पत्नी ने थामा आरजेडी का दामन
  • नीतीश कुमार की सरकार को बताया जुल्मी
  • डीएम की हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पति आनंद मोहन

बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शिवहर के बाहुबली नेता आनंद मोहन की पत्नी और पूर्व सांसद लवली आनंद ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का दामन थाम लिया है. आरजेडी में शामिल होते ही बीते लोकसभा चुनाव में सीएम नीतीश कुमार का प्रचार करने वाली लवली आनंद के सुर बदल गए और उनपर जमकर निशाना साधा. 

लवली आनंद ने नीतीश कुमार की सरकार को जुल्मी सरकार करार दे दिया और कहा कि उन्होंने उनके पति आनंद मोहन समेत राज्य के सभी बड़े नेताओं को जेल भेज दिया.

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शिवहर में अपनी पति की लोकप्रियता की वजह से लवली आनंद बीते कई चुनावों में ताल ठोक चुकी हैं लेकिन उन्हें हर बार हार का ही सामना करना पड़ा है. आनंद मोहन राजपूत समाज से आते है और उन्हें शिवहर में राजपूतों का सबसे बड़ा नेता माना जाता था. कई आपराधिक मामलों में नाम आने के बाद आनंद मोहन अधिकारी की हत्या के मामले में जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. 

सांसद और विधायक दोनों रह चुकी हैं लवली आनंद

आनंद मोहन के बाद उनकी पत्नी लवली आनंद ही परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रही हैं. अगर उनके राजनीतिक करियर की बात करें तो साल 1994 में वैशाली लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज कर वो पहली बार सांसद बनी थीं. 

ठीक दो साल बाद 1996 के लोकसभा चुनाव में उनके पति आनंद मोहन ने जेल से ही समता पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. आनंद मोहन शिवहर से चुनाव जीते जबकि उनकी पत्नी को विधानसभा चुनाव में वैशाली से जीत मिली थी.

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कई राजनीतिक पार्टियों का हिस्सा रही हैं लवली आनंद

लवली आनंद अब तक कई राजनीतिक पार्टियों में रह चुकी हैं और वर्तमान में आरजेडी में शामिल होने से पहले वो फ्रेंड्स ऑफ आनंद के बैनर तले अपने वोटरों को एकजुट करने में जुटी हुई थीं.

लवली आनंद ने कभी समाजवादी पार्टी की टिकट पर बिहार में चुनाव लड़ा तो कभी जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) में शामिल होकर पीएम नरेंद्र मोदी के लिए वोट मांगा.

बता दें कि उनके पति आनंद मोहन ने साल 1993 में बिहार पीपुल्स पार्टी की स्थापना की थी और उनकी पार्टी ने 1995 के चुनाव में नीतीश कुमार की समता पार्टी से बेहतर प्रदर्शन किया था. लोग 1995 में आनंद मोहन को भावी मुख्यमंत्री के तौर पर देखने लगे थे.

डीएम की हत्या में दोषी पाए गए थे आनंद मोहन

हालांकि इसी दौरान 1994 में मुजफ्फरपुर में गोपालगंज के डीएम की हत्या के बाद सबकुछ बदल गया. डीएम की हत्या के आरोप में आनंद मोहन को मुख्य दोषी पाया गया और उन्हें निचली अदालत ने 2007 में फांसी की सजा सुनाई.

हालांकि ऊपरी अदालत ने फांसी की सजा को उम्र कैद में बदल दिया और तब से आनंद मोहन जेल में ही सजा काट रहे हैं. आनंद मोहन के जेल जाने के बाद लवली आनंद अपने बेटे के साथ मिलकर परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रही हैं.

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