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नीतीश के साथ गठबंधन का कल ऐलान करेंगे मांझी, एनडीए के होंगे पार्टनर

बिहार विधानसभा चुनाव में जीतन राम मांझी का नीतीश कुमार के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा का 3 सितंबर को जेडीयू के साथ गठबंधन का ऐलान होगा. हालांकि, इस बात के भी कयास लगाए जा रहे थे कि जीतन राम मांझी अपनी पार्टी का विलय जेडीयू में कर सकते हैं, लेकिन अब गठबंधन की पुष्टि होने के साथ इन सारे कयासों पर विराम लग चुका है.

जीतनराम मांझी और नीतीश कुमार जीतनराम मांझी और नीतीश कुमार
रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 02 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 11:18 AM IST
  • बिहार में मांझी और नीतीश का गठबंधन
  • जेडीयू अपने कोटे से मांझी को देगी सीट
  • एनडीए के सहयोगी के तौर पर लड़ेंगे चुनाव

बिहार विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम अपना राजनीतिक सहयोगी आखिरकार तय कर लिया है. महागठबंधन से अलग होने के बाद मांझी अब गुरुवार को जेडीयू के साथ अपने गठबंधन का ऐलान करेंगे. महागठबंधन से नाता तोड़ने के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि वह जल्द ही एनडीए में शामिल हो सकते हैं. 

जीतन राम मांझी की नीतीश कुमार के साथ जाने की आधिकारिक पुष्टि हो चुकी है. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के 3 सितंबर को जेडीयू के साथ गठबंधन का ऐलान होगा. हालांकि, इस बात के भी कयास लगाए जा रहे थे कि जीतन राम मांझी अपनी पार्टी का विलय जेडीयू में कर सकते हैं, लेकिन अब गठबंधन की पुष्टि होने के साथ इन सारे कयासों पर विराम लग चुका है.

सूत्रों की मानें तो जीतनराम मांझी की जेडीयू के साथ डील फाइनल हो गई है. नीतीश कुमार अपने कोटे से मांझी को नौ सीट देंगे, जिस पर मांझी राजी हो गए हैं. जेडीयू के साथ गठबंधन के बाद मांझी की एक तरीके से घर वापसी होगी, क्योंकि मांझी जेडीयू में ही रहे और फिर अपनी पार्टी बनाकर एनडीए के साथ मिलकर पिछला चुनाव लड़े थे. 

दरअसल, 2014 लोकसभा चुनाव में बुरी तरीके से हारने के बाद नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था, जिसके बाद उन्होंने जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था. हालांकि, करीब 9 महीने के बाद वह मांझी को हटाकर खुद सीएम बन गए थे. इसके बाद मांझी ने अपनी अलग पार्टी बना ली थी. 2015 का विधानसभा चुनाव मांझी ने एनडीए के साथ लड़ा था, लेकिन महज एक सीट ही जीत सके थे. इसके बाद उन्होंने महागठबंधन से हाथ मिला लिया था. 2019 का लोकसभा चुनाव मांझी ने महागठबंधन के साथ मिलकर लड़ा था. 

जीतन राम मांझी ने महागठबंधन में रहते हुए समन्वय समिति बनाने की मांग उठाई थी ताकि यह कमेटी फैसला ले सके कि चुनाव की रणनीति क्या होगी और मुख्यमंत्री चेहरा कौन होगा. हालांकि, मांझी की इस मांग को आरजेडी ने खारिज कर दिया तो नाराज होकर उन्होंने 22 अगस्त को महागठबंधन से नाता तोड़ लिया था. इसके बाद 27 अगस्त को मांझी ने नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. इसके बाद से माना जा रहा था कि जल्द ही एनडीए में शामिल हो सकते हैं. 

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में विकास की बयार बह रही है और एनडीए अच्छा काम कर रहा है. ऐसे में अगले 24 घंटे में उनकी पार्टी गठबंधन को लेकर पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी. इससे साफ है कि मांझी अब जेडीयू के साथ जाने का मन बना चुके हैं और गुरुवार को इस बात पर मुहर लग जाएगी.

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