
बिहार पहली बार एक ऐसे चुनाव का गवाह बनने जा रहा है, जहां वोटिंग को छोड़ दें तो तकरीबन सबकुछ ऑनलाइन है, डिजिटल है. कोरोना संक्रमण के चिंताजनक दौर में बिहार का ये विधानसभा चुनाव मतदाताओं को अपना नया जन प्रतिनिधि चुनने का मौका दे रहा है जो अगले 5 साल तक के लिए उनके नीति निर्धारक बन जाएंगे.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस डिजिटल माहौल में चुनावी समर में कूद पड़े हैं. नीतीश कुमार आज मेगा वर्चुअल रैली के जरिए बिहार के मतदाताओं से रू-बरू होंगे.
राज्य में लगाए गए बड़े-बडे़ स्क्रीन
समाचार ऐजंसी पीटीआई के मुताबिक पूरे प्रदेश में जेडीयू ने बड़े बड़े स्क्रीन लगा रखे हैं जहां लोग सीएम नीतीश कुमार के संबोधन को सुनेंगे.
निश्चय संवाद से जनता से जुड़ेंगे नीतीश
नीतीश कुमार डिजिटल प्लेटफॉर्म jdulive.com के जरिए जनता को संबोधित करेंगे. इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को 2 सितंबर को ही लॉन्च किया गया है. सोमवार लगभग 11:30 बजे से इस रैली का प्रसारण फेसबुक, ट्विटर और वेबसाइट पर किया जाएगा. जेडीयू ने इस रैली का नाम 'निश्चय संवाद' रखा है.
चिराग से दूरी, मांझी का साथ
सीएम नीतीश कुमार ये रैली उस समय कर रहे हैं जब उनके सामने कई चुनौतियां मुंह बाए खड़ी हैं. एलजेपी करीब करीब नीतीश से बगावत के मूड में है. एलजेपी नेता चिराग पासवान ने कहा कि एससी, एसटी जातियों के लोगों की मौत पर उनके रिश्तेदारों को नौकरी देने का फैसला महज एक चुनावी ऐलान है. एलजेपी ने कहा कि नीतीश कुमार पहले एससी एसटी जातियों को तीन डिस्मिल जमीन देने का अपना वादा तो पूरा करें. उन्होंने कहा कि अगर नीतीश कुमार दलितों के कल्याण के गंभीर हैं तो उन्हें 15 साल में मारे गए सभी दलितों के परिवार को नौकरी देनी चाहिए.
जेडीयू-एलजेपी के बीच रिश्तों में आई खटास की वजह मांझी फैक्टर भी है. बिहार के दलित नेता और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने अब नीतीश कुमार से हाथ मिला लिया है. जीतन राम मांझी उसी समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसका प्रतिनिधित्व करने का दावा रामविलास पासवान और चिराग पासवान करते हैं. नीतीश के पास अब मांझी के रूप में दलित समाज के नेतृत्व का विकल्प तैयार हो गया है. एलजेपी इससे खफा है.
नीतीश पर वार, मोदी की तारीफ
चिराग पासवान की मौजूदा राजनीति का अहम पहलू ये है कि वे नीतीश की तीखी आलोचना तो कर रहे हैं लेकिन पीएम मोदी पर तारीफ के फूल बरसा रहे हैं.
नीतीश की 'बिग ब्रदर' की छवि पर बीजेपी को एतराज
नीतीश के सामने एक चुनौती बीजेपी के साथ सीटों के बंटवारे की है. बीजेपी ने इतना जरूर कहा है कि वह नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार चुनाव लड़ेगी. लेकिन बिहार बीजेपी के सांसदों ने नीतीश की 'बिग ब्रदर' की छवि पर एतराज जताया है. बीजेपी सांसदों ने पार्टी नेतृत्व से मांग की है कि विधानसभा सीटों का बंटवारा 50-50 के आधार पर होना चाहिए.
नीतीश कुमार के सामने ये चुनौतियां तो एनडीए खेमे से हैं. विपक्ष आरजेडी कोरोना संक्रमण, कानून व्यवस्था और बेरोजगारी को लेकर सीएम पर लगातार हमले कर रहा है.