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ओवैसी फैक्टर ने बदला सीमांचल का समीकरण! 11 सीटों पर NDA आगे

बिहार के सीमांचल में एनडीए आधी सीटें जीतती नजर आ रही है. AIMIM बिहार की 20 सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे थे, जिनमें से 14 उम्मीदवार सीमांचल इलाके की सीटों पर है. बिहार चुनाव के अभी तक आए रुझान में ओवैसी की पार्टी तीन सीटों पर आगे चल रही है जबकि दो सीटों पर दूसरे नंबर पर है. इस तरह से सीमांचल में ओवैसी फैक्टर के चलते महागठबंधन का खेल बिगाड़ता नजर आ रहा है जबकि एनडीए की बल्ले-बल्ले हैं. 

असदुद्दीन ओवैसी असदुद्दीन ओवैसी
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली ,
  • 10 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 1:11 PM IST
  • बिहार में तीन सीटों पर AIMIM आगे
  • सीमांचल में महागठबंधन को तगड़ा झटका लगा
  • किशनगंज सीट पर बीजेपी आगे चल रही है

बिहार के मुस्लिम बहुल सीमांचल में हैदराबाद के सांसद व ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी की साख दांव पर है. AIMIM ने बिहार की 20 सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे थे, जिनमें से 14 उम्मीदवार सीमांचल इलाके की सीटों पर हैं. बिहार चुनाव के अभी तक आए रुझान में ओवैसी की पार्टी तीन सीटों पर आगे चल रही है जबकि दो सीटों पर दूसरे नंबर पर है. इस तरह से सीमांचल में ओवैसी फैक्टर के चलते महागठबंधन का खेल बिगाड़ता नजर आ रहा है जबकि एनडीए को इसका लाभ मिलता फिलहाल दिखाई पड़ रहा है. 

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सीमांचल की 24 विधानसभा सीटों में से एनडीए को 11 सीटों पर बढ़त नजर आ रही है जबकि महागठबंधन महज पांच सीटों पर आगे चल रहा है. इसके अलावा आठ सीटें अन्य को मिल रही हैं, जिनमें से ओवैसी की पार्टी  AIMIM तीन सीटों पर आगे है. ओवैसी की पार्टी अमौर और कोचाधामन सीट पर आगे चल रही है. हालांकि, कई सीटों पर ओवैसी भले ही जीतते नजर न आ रहे हों, लेकिन उनके प्रदर्शन से महागठबंधन का खेल जरूर बिगड़ता दिखाई दे रहा है.

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सीमांचल में इलाके की 24 सीटों में से महागठबंधन की ओर से आरजेडी 11, कांग्रेस 11, भाकपा-माले 1 और सीपीएम 1 सीट पर चुनाव लड़ रही है. वहीं, एनडीए की ओर से बीजेपी 12, जेडीयू 11 और हम एक सीट पर चुनावी किस्मत आजमा रही है.  सीमांचल इलाके में 2015 के चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. कांग्रेस ने यहां अकेले 9 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि जेडीयू को 6 और आरजेडी को 3 सीटें मिली थीं. 

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वहीं, बीजेपी को 6 और एक सीट भाकपा माले को गई थी. बता दें कि 2015 के चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने सीमांचल की छह सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें कोचाधामन सीट पर AIMIM प्रत्याशी अख्तरुल इमान दूसरे नंबर पर रहे थे. इसके बाद 2019 में हुए उपचुनाव में किशनगंज सीट पर AIMIM खाता खोलने में कामयाब रही थी, लेकिन इस बार बीजेपी एक नंबर पर चल रही है और दूसरे नंबर पर कांग्रेस प्रत्याशी है. यहां पर ओवैसी की पार्टी के प्रत्याशी तीसरे नंबर पर चल रहे हैं. 

सीमांचल की सीटें
सीमांचल में किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार जिले आते हैं, जहां कुल 24 विधानसभा सीटें है. यह सीटें-नरपतगंज, रानीगंज, फारबिसगंज, अररिया, सिकटी, जोकीहाट, कटिहार, कदवा, बलरामपुर, प्राणपुर, मनिहारी, बरारी, कोढा, हादुरगंज, ठाकुरगंज, किशनगंज, कोचाधामन, कस्बा, बनमनखी, रुपौली, धमदाहा, पूर्णिया, अमौर और बैसी हैं. इन चार जिलों के मुस्लिम वोटों को देखें तो किशनगंज में करीब 70 फीसद, अररिया में 42 फीसद, कटिहार में 43 फीसद और पूर्णिया में 38 फीसद हैं. 

ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेकुलर फ्रंट (JDSF) में  राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) , बहुजन समाज पार्टी (BSP),  ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM), समाजवादी जनता दल लोकतांत्रिक (SJDD), सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) और जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) शामिल हैं. इनमें से RLSP 99, बसपा, 78, AIMIM 20, SJDD 19, SBSP 2, JP(S) 5 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. 

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