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बहादुरगंज विधानसभा सीट पर 62.15% वोटिंग, 16 चुनाव में 10 बार जीती है कांग्रेस

बहादुरगंज विधानसभा सीट पर अब तक कुल 16 बार (एक उपचुनाव) चुनाव हुए हैं, जिसमें 10 बार कांग्रेस के पास ये सीट रही है. भारतीय जनता पार्टी केवल एक बार ही यहां से जीत पाई है. इसके अलावा पीएसपी, निर्दलीय, जनता दल और जनता पार्टी एक-एक बार जीत हासिल करने में सफल हुई है.

bihar assembly election (फाइल फोटो) bihar assembly election (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 12:47 AM IST
  • इस बार बीजेपी-जेडीयू एक साथ मैदान में हैं
  • तौसीफ आलम साल 2005 से विधायक हैं
  • 3 चरणों में हुआ है बिहार विधानसभा चुनाव

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 नवंबर को घोषित होंगे. इस चुनाव में बहादुरगंज विधानसभा सीट पर सभी की नजरें हैं. बहादुरगंज विधानसभा सीट कांग्रेस का गढ़ है. वर्तमान में कांग्रेस के तौसीफ आलम यहां से विधायक हैं. तौसीफ आलम साल 2005 से ही इस सीट से विधायक हैं. इस बार यहां 62.15% वोटिंग हुई है. 

बहादुरगंज विधानसभा सीट पर अब तक कुल 16 बार  (एक उपचुनाव) चुनाव हुए हैं, जिसमें 10 बार कांग्रेस के पास ये सीट रही है. भारतीय जनता पार्टी केवल एक बार ही यहां से जीत पाई है. इसके अलावा पीएसपी, निर्दलीय, जनता दल और जनता पार्टी एक-एक बार जीत हासिल करने में सफल हुई है. 

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इन उम्मीदवारों पर रहेगी नजर 

1- तौसीफ आलम (कांग्रेस) 
2- लखन लाल पंडित (VIP)
3- मोहम्मद अनजर (AIMIM)

2015 का समीकरण 

2015 के चुनाव में तौसीफ आलम को 53533 (33.56%) वोट मिले थे. उन्होंने बीजेपी के अवध बिहारी सिंह (39591 वोट, 24.82%) पटखनी दी थी. बता दें कि साल 2015 के चुनाव में जदयू, कांग्रेस और राजद तीनों महागठबंधन में थे. लेकिन इस बार जदयू एनडीए के साथ हैं.

2015 में वोटिंग- 159625 (62 फीसदी)
वोटरों की संख्या लगभग-2557577
पुरुष-53.31%
महिलाएं-46.68%

बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र का गठन 1952 में हुआ था. इस विधानसभा क्षेत्र में 35 पंचायतों व एक नगर पंचायत शामिल हैं. यहां पर मुस्लिम जनसंख्या काफी है. कृषि क्षेत्र में उद्योग की संभावना रहने के बावजूद यह विधानसभा क्षेत्र उद्योग विहीन बना हुआ है. रोजगार की कमी श्रम पलायन का मुख्य कारण है.

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