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बिहार चुनाव: जीतन राम मांझी आज कर सकते हैं उम्मीदवारी की घोषणा, इस सीट से ठोकेंगे ताल

बिहार में जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा एनडीए के पाले में है. लेकिन जीतन राम मांझी को सीटें जेडीयू अपने कोटे से देगी. सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार जीतन राम मांझी को 5 से 7 सीट दे सकते हैं.

बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी (फोटो- पीटीआई) बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी (फोटो- पीटीआई)
रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 04 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 1:52 PM IST
  • आज HAM की संसदीय बोर्ड की बैठक
  • मांझी को मिल सकती है 5 से 7 सीटें
  • महागठबंधन छोड़ NDA में आए मांझी

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी आज अपनी उम्मीदवारी की घोषणा कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक जीतन राम मांझी गया के इमामगंज विधानसभा क्षेत्र से खुद चुनाव लड़ सकते हैं. 

बिहार में जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा एनडीए के पाले में है. लेकिन जीतन राम मांझी को सीटें जेडीयू अपने कोटे से देगी. सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार जीतन राम मांझी को 5 से 7 सीट दे सकते हैं. 

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आज पटना में हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संसदीय बोर्ड की बैठक है. ये बैठक पार्टी प्रवक्ता डॉ दानिश रिजवान के पटना आवास पर होगी. इस बैठक में पार्टी उम्मीदवारों के नामों पर होगी चर्चा. 

हालांकि जीतन राम मांझी अलग से अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं करेंगे. माना जा रहा है कि बिहार एनडीए में जब सीटों के बंटवारे पर मुहर लग जाएगी इसके बाद ही हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान करेगी. 

बता दें कि जीतन राम मांझी कुछ दिन पहले तक ही बिहार में महागठबंधन के पाले में थे, लेकिन आरजेडी से सीटों की बात पर सहमति नहीं होने के बाद मांझी एनडीए में आ गए. यहां उन्हें नीतीश कुमार लेकर आए हैं. नीतीश कुमार ने ही जीतन राम मांझी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाया था. बाद में मांझी को नीतीश कुमार ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था. अब इस चुनाव में परिस्थितियां ऐसी बनी हैं कि मांझी एक बार फिर से नीतीश के साथ आ गए हैं. 

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इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर है कि बीजेपी और जेडीयू के बीच सीट बंटवारे को लेकर डील तय हो गई है. नीतीश कुमार बीजेपी के साथ 50:50 के पर फॉर्मूले पर सीट बंटवारे को राजी हो गए हैं.

नीतीश कुमार पिछले कुछ दिनों से जिद पर अड़े थे कि जनता दल (यूनाइटेड) बीजेपी से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी, मगर आखिरकार उन्हें अपनी जिद छोड़नी पड़ी. 

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