
कोरोना की रफ्तार को पीछे छोड़कर बिहार चुनाव में धीरे धीरे सियासत गरमाने लगी है. आने वाले दिनों में सभी पार्टियों के बड़े बड़े नेता चुनावी सभा करेंगे.
बीजेपी की ओर से पीएम मोदी, जेपी नड्डा, अमित शाह, राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ समेत सभी स्टार प्रचारक चुनावी रैलियां करने जा रहे हैं.
पीएम मोदी बिहार चुनाव में 12 रैलियों को सम्बोधित करेंगे. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा लगभग 25 रैलियों को, राजनाथ सिंह 18 रैली,और योगी आदित्यनाथ भी लगभग 20 चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे. गृह मंत्री अमित शाह भी बिहार के चुनावी समर में उतरने वाले हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पीएम मोदी, अमित शाह और नड्डा सहित बीजेपी के बड़े नेताओं के साथ चुनावी मंच शेयर कर बीजेपी उम्मीदवारों के लिए वोट की अपील करेंगे.
इसी तरह जीतनराम मांझी और मुकेश सहनी भी उन सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों के लिए रैलियां करेंगे जहां जातिगत समीकरण उनके पक्ष में है.
इसके अलावा बीजेपी ने देश भर से लगभग 500 कार्यकर्ताओं और नेताओं को बिहार चुनाव में लगाया है. लगभग प्रत्येक विधानसभा पर मैनेजमेंट की ज़िम्मेदारी इन नेताओं और कार्यकर्ताओं को दी गई है. ये कार्यकर्ता बूथ इंचार्ज से लेकर पार्टी के कार्यकर्ताओं से संपर्क साध रहे हैं.
बीजेपी ने मतदान के दिन मतदाताओं को बूथ तक ले जाने के लिए तेज-तर्रार कार्यकर्ताओं को लगाया है.
बीजेपी इस बात को अच्छी तरह से जानती है कि चुनावी सभाओं के द्वारा माहौल अपने पक्ष में बना कर चुनावी शतरंज में दुश्मन को मात दी जा सकती है. पीएम मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह जैसे जमीनी नेता चुनाव का रुख और जनता की नब्ज को समझने के माहिर हैं.
कोरोना महामारी में बिहार चुनाव पर ना सिर्फ़ भारत बल्कि पूरे विश्व की नजरें लगी हुई कि कैसे बिहार में चुनावी उत्सव को मनाया जा रहा है.