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Chhapra: सड़क पर भरे पानी में खड़े होकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, बोले- रोड नहीं तो वोट नहीं

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में छपरा के लोगों ने मतदान बहिष्कार का ऐलान कर दिया है. सड़क पर हुए जलभराव के बीच खड़े होकर लोगों ने प्रदर्शन किया. लोगों का कहना है कि आजादी के 74 वर्ष बाद भी सड़क नहीं मिली है. न जाने कितने अधिकारी आये और चले गए. नेताओं ने भी खू​ब आश्वासन दिया, लेकिन सड़क नहीं मिली.

सड़क पर भरे पानी में खड़े होकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन (फोटो आजतक) सड़क पर भरे पानी में खड़े होकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन (फोटो आजतक)
आलोक कुमार जायसवाल
  • छपरा ,
  • 19 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 12:36 AM IST
  • लोगों ने मतदान बहिष्कार का ऐलान किया
  • बारिश के समय में घरों में कैद हो जाते हैं लोग
  • गड़खा प्रखंड के लोगों ने वोट बहिष्कार ​का किया ऐलान

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में छपरा के लोगों ने मतदान बहिष्कार का ऐलान कर दिया है. सड़क पर हुए जलभराव के बीच खड़े होकर लोगों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि रोड नहीं तो वोट नहीं. लोगों का कहना है कि आजादी के 74 वर्ष बाद भी सड़क की समस्या से जूझ रहे हैं. 

छपरा के गड़खा प्रखंड की अलोनी दलित बस्ती वार्ड नंबर 9 और 11 में सड़क नहीं है. यहां लोग कच्चे रास्ते पर हो रहे जलभराव से गुजरते हैं. लोगों का कहना है कि आजादी के 74 वर्ष बाद भी सड़क नहीं मिली है. न जाने कितने अधिकारी आये और चले गए. नेताओं ने भी खू​ब आश्वासन दिया, लेकिन सड़क नहीं मिली. चुनाव के समय नेता सड़क की लॉलीपॉप थमाकर चले जाते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद कोई नहीं आता है. सांसद हो या फिर विधायक सभी ने सिर्फ छलने का काम किया है. 

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आजादी के 74 वर्ष बाद भी सड़क नहीं मिली

इन लोगों ने बताया कि बारिश के दिनों में वे अपने घरों में कैद हो जाते हैं. मार्ग पर होने वाले जलभराव से गुजरना नामुमकिन होता है. मरीजों को खाट के सहारे मुख्य मार्ग तक पहुंचाया जाता है. छोटे-छोटे बच्चे एवं बुजुर्गों को भी घर से मुख्य सड़क पर जाने में काफी परेशानी होती है. लोगों ने बताया कि बहुत लंबी सड़क नहीं है, महज 200 मीटर की सड़क बनवाने के लिए न जाने कितनी बार लिखित में शिकायत की गई है.

लिखित में शिकायत के बावजूद किसी ने नहीं सुनी 

लोगों ने बताया कि सड़क के नाम पर हमेशा आश्वासन मिला है. इसलिए विधानसभा चुनाव 2020 में निर्णय लिया है, कि रोड नहीं तो वोट भी नहीं. इतना ही नहीं गांव में नलजल शौचालय समेत सात निश्चय योजना की भी कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है.

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