
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की 94 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं. इस चरण में कई ऐसी सीटें हैं, जिन पर दिग्गज नेताओं की किस्मत का फैसला होना है. दूसरे दौर की इन हाई प्रोफाइल सीटों पर सिर्फ बिहार की ही नहीं बल्कि देश भर की निगाहें टिकी हुई हैं. नीतीश सरकार के मंत्रियों और पूर्व सीएम के बेटे से लेकर महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी यादव और उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव तक की सीटें शामिल हैं.
राघोपुर: तेजस्वी यादव
वैशाली जिले की राघोपुर विधानसभा सीट से आरजेडी नेता तेजस्वी यादव दूसरी बार चुनावी मैदान में हैं. तेजस्वी को महागठबंधन ने मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया है, जिसकी वजह से इस सीट पर पूरे देश की नजर है. बीजेपी ने उनके सामने सतीश कुमार को उतारा है. सतीश, 2010 के चुनाव में पूर्व सीएम राबड़ी देवी को हरा चुके हैं. वहीं, एलजेपी की ओर से मैदान में उतारे गए राकेश रौशन ने यहां मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है. हालांकि, 1995 से यह इलाका आरजेडी का मजबूत गढ़ माना जाता है और लालू यादव यहां से चुनाव जीतते रहे हैं.
हसनपुर: तेजप्रताप यादव
समस्तीपुर जिले की हसनपुर विधानसभा सीट से पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के बड़े लाल और पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव मैदान में हैं. 2015 में उन्होंने महुआ से चुनाव जीता था, लेकिन इस बार उन्होंने अपनी सीट बदल दी है. तेजप्रताप के सामने जेडीयू के वर्तमान विधायक राजकुमार राय चुनावी ताल ठोक रहे हैं. यादव बाहुल्य इस सीट पर कांटे का मुकाबला माना जा रहा है.
बांकीपुर: लव सिन्हा बनाम पुष्पम प्रिया
पटना जिले की बांकीपुर विधानसभा सीट काफी चर्चा में है. यहां से अभिनेता और पूर्व सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं. बीजेपी से तीन बार के विधायक नितिन नवीन के अलावा प्लुरल्स पार्टी की अध्यक्ष और सीएम उम्मीदवार पुष्पम प्रिया भी चुनौती पेश कर रही हैं. पुष्पम प्रिया के चुनाव लड़ने के चलते यह सीट सुर्खियों में है.
परसा: चंद्रिका राय
सारण जिले की परसा विधानसभा सीट काफी हाई प्रोफाइल मानी जा रही है और इस बार यहां काफी कड़ा मुकाबला माना जा रहा है. जेडीयू के टिकट पर यहां से पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय के बेटे और लालू यादव के समधी चंद्रिका राय मैदान में उतरे हैं. वहीं आरजेडी के टिकट पर इस सीट से छोटे लाल राय चुनाव मैदान में हैं जबकि एलजेपी ने इस सीट पर राकेश कुमार सिंह को उतारा है. चंद्रिका राय के लिए उनकी बेटी एश्वर्या राय ने भी वोट मांगने का काम किया है, लेकिन देखना है कि वो अपने पिता को जिता पाती है कि नहीं.
पटना साहिब : नंद किशोर यादव
राजधानी पटना की सबसे वीआईपी विधानसभा सीट पटना साहिब से बिहार सरकार में पथ निर्माण मंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता नंद किशोर यादव चुनावी मैदान में हैं. महागठबंधन की ओर से कांग्रेस के टिकट पर प्रवीण सिंह उन्हें टक्कर दे रहे हैं. नंद किशोर यादव यहां से छह बार विधायक रह चुके हैं, लेकिन 2015 के चुनाव में उन्हें यहां से जीतने में पसीने छूट गए थे.
नालंदा: श्रवण कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा की सदर सीट से बिहार सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार की प्रतिष्ठा दांव पर है. इस बार वो यहां से त्रिकोणीय मुकाबले में फंस गए है. उनके खिलाफ महागठबंधन से कांग्रेस की टिकट पर गुंजन पटेल हैं. वहीं, इस बार एलजेपी ने पुराने नेता रामकेश्वर प्रसाद को अपना प्रत्याशी बनाया है. जेडीयू प्रत्याशी श्रवण कुमार इस सीट से लगातार छह बार से चुनाव जीतते आ रहे हैं, लेकिन इस बार उनके सामने कड़ी चुनौती मिल रही.
हथुआ: रामसेवक सिंह
सारण जिले की हथुआ विधानसभा क्षेत्र से जेडीयू नेता और बिहार सरकार में समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह मैदान में हैं. उनके सामने एलजेपी ने राम दर्शन प्रसाद उर्फ मुन्ना किन्नर को उम्मीदवार बनाकर मुकाबले को रोचक बना दिया है. इसके अलावा यहां से महागठबंधन से आरजेडी प्रत्याशी राजेश सिंह कुशवाहा समेत 13 अन्य प्रत्याशी मैदान में हैं.
मधुबन: राणा रणधीर
पूर्वी चंपारण जिले की मधुबन विधानसभा सीट से राज्य सरकार में सहकारिता मंत्री और बीजेपी नेता राणा रणधीर चुनावी मैदान में हैं. उनके सामने महागठबंधन की ओर आरजेडी के टिकट पर मदन साह पहली बार चुनावी ताल ठोक रहे हैं. वहीं, यहां के पूर्व विधायक शिवजी राय भी इस बार जाप के टिकट पर मैदान में उतर आए हैं. 2015 के चुनाव में जब बीजेपी और जेडीयू ने अलग-अलग चुनाव लड़ा तब भी इस सीट पर बीजेपी ने अपना कब्जा जमाया था.
चेरिया बरियारपुर: मंजू वर्मा
चेरिया बरियारपुर विधानसभा सीट से नीतीश सरकार में समाज कल्याण मंत्री रहीं मंजू वर्मा को जेडीयू ने फिर से मैदान में है. मंजू वर्मा के सामने महागठबंधन से आरजेडी उम्मीदवार राजवंशी महतो ताल और एलजेपी से राखी देवी किस्मत आजमा रही है. मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड के कारण मंजू वर्मा को पद छोड़ना पड़ा था और चर्चा में आई थी. ऐसे में इस बार मंजू वर्मा के लिए काफी कड़ी चुनौती मानी जा रही है.
आनंद मोहन के बेटे और पत्नी
जेल में बंद बाहुबली आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद को आरजेडी ने शिवहर सीट से जबकि उनकी पत्नी लवली आनंद को साहरसा सीट से उतारा है. चेतन आनंद का मुकाबला जेडीयू के मौजूदा विधायक मो. शरफुद्दीन से है. इस सीट पर इस बार एलजेपी के प्रत्याशी विजय कुमार पांडेय न केवल जेडीयू और आरजेडी को कड़ी टक्कर देते नजर आ रहे हैं, बल्कि लड़ाई को त्रिकोणीय भी बना रहे हैं. ऐसे ही साहरसा सीट पर लवली आनंद के सामने बीजेपी से आलोक रंजन और निर्दलीय किशोर कुमार मुन्ना मैदान में हैं. हालांकि, साहरसा सीट पर तीसरे चरण में वोटिंग होनी है.
रोसड़ा: कृष्ण राज
रोसड़ा सुरक्षित विधानसभा सीट पर एलजेपी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. यहां से एलजेपी के प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज के बड़े भाई कृष्ण राज को मैदान में है, जो चिराग पासवान के चचेरे भाई है. बीजेपी से वीरेंद्र कुमार और कांग्रेस ने नागेंद्र विकल को मैदान में उतारकर यहां की लड़ाई को त्रिकोणीय बना दिया है.