Advertisement

बिहार चुनाव: पहले चरण में इन युवा नेताओं का सियासी भविष्य दांव पर

बिहार चुनाव के पहले दौर के 16 जिलों की 71 सीटों पर 1066 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं. इस चरण में कई युवा नेताओं के सियासी भविष्य भी दांव पर लगे हैं. इनमें कई ऐसे भी युवा हैं, जो अपने पिता की राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए मैदान में उतरे हैं. 

तेजस्वी यादव और सबसे युवा प्रत्याशी दिव्या प्रकाश तेजस्वी यादव और सबसे युवा प्रत्याशी दिव्या प्रकाश
कुबूल अहमद
  • पटना,
  • 28 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 7:11 AM IST
  • बिहार के पहले चरण की 71 सीटों पर आज वोटिंग
  • पहले चरण में कई नेताओं के बेटे-बेटियां मैदान में हैं
  • पहले चरण में सबसे कम उम्र की प्रत्याशी दिव्या प्रकाश

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की सीटों पर वोटिंग जारी है. पहले दौर के 16 जिलों की 71 सीटों पर 1066 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं. इस चरण में कई युवा नेताओं के सियासी भविष्य भी दांव पर लगे हैं. इनमें कई ऐसे भी युवा हैं, जो अपने पिता की राजनीतिक विरासत को संभालने मैदान में उतरे हैं. 

कहलगांव: सदानंद सिंह का साख दांव 

भागलपुर का कहलगांव सीट कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. यहां से कांग्रेस के दिग्गज नेता सदानंद सिंह नौ बार से विधायक रहे  हैं, लेकिन इस बार वे खुद चुनावी मैदान में नहीं हैं बल्कि उनके पुत्र शुभानंद मुकेश का सियासी सफर दांव पर है. शुभानंद मुकेश कांग्रेस के टिकट पर ताल ठोक रहे हैं जबकि बीजेपी से पवन यादव किस्मत आजमा रहे हैं. शुभानंद मुकेश के सामने अपने पिता की राजनीतिक विरासत बचाने की बड़ी चुनौती है तो बीजेपी को यहां कमल खिलाने की चिंता है. 

Advertisement

देखें: आजतक LIVE TV

जमुई: विरासत बचाने की जंग 

जमुई विधानसभा सीट पहले चरण में हाई प्रोफाइल सीटों में शामिल है. यहां से बीजेपी के टिकट पर अंतर्राष्ट्रीय शूटर श्रेयसी सिंह मैदान में हैं. वहीं, आरजेडी से मौजूदा विधायक विजय प्रकाश और आरएलएसपी से पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के पुत्र अजय प्रताप किस्मत आजमा रहे हैं. श्रेयसी भले ही खिलाड़ी रही हों लेकिन उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक रही है. उनके पिता स्वर्गीय दिग्विजय सिंह केंद्रीय मंत्री रहे हैं जबकि उनकी मां पुतुल सिंह सांसद रही हैं. ऐसे ही विजय प्रकाश के बड़े भाई जय प्रकाश केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं और अजय प्रताप के पिता भी बिहार में मंत्री रहे हैं. इस तरह से जमुई की लड़ाई काफी दिलचस्प मानी जा रही है.

तारापुर: पहले चरण की सबसे युवा प्रत्याशी 

तारापुर विधानसभा क्षेत्र से आरजेडी का युवा चेहरा दिव्या प्रकाश का भी सियासी भविष्य दांव पर लगा है. यहां से जेडीयू से मेवालाल चौधरी, एलजेपी से मीना देवी, जाप से कर्मवीर कुमार और आरएलएसपी से जितेन्द्र कुमार मैदान में है. हालांकि, यह सीट दिव्या प्रकाश के चुनाव लड़ने के चलते ज्यादा चर्चा में है, क्योंकि केंद्रीय मंत्री और आरजेडी के दिग्गज नेता जय प्रकाश यादव की बेटी हैं. पहले चरण की सबसे युवा प्रत्याशी दिव्या प्रकाश की तो उम्र केवल 28 साल है और वो चुनावी समर में उतरी हैं. 2015 में यहां से मेवालाल चौधरी विधायक चुने गए थे. 

Advertisement

सुल्तानगंज: कांग्रेस का युवा नेता मैदान में

सुल्तानगंज से युवक कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष युवा नेता ललन यादव भी चुनावी मैदान में हैं. ललन की सुल्तानगंज में अच्छी पैठ है जबकि जातीय समीकरण भी इनके पक्ष में दिखाई दे रहा है. जेडीयू से ललित नारायण मंडल, आरएलएसपी से हिमांशु प्रसाद और एलजेपी की नीलम देवी भी मैदान में हैं. इस सीट से मौजूदा विधायक जेडीयू के सुबोध राय थे, जो लगातार दूसरी बार इस सीट पर विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे थे, लेकिन पार्टी ने इस बार उनका टिकट काट दिया है, लेकिन इस सीट की चर्चा ललन यादव के चलते है. 

मखदूमपुर: मांझी के दमाद की प्रतिष्ठा दांव पर

मखदुमपुर सीट से जीतनराम मांझी के दामाद देवेंद्र कुमार मांझी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा से मैदान में हैं. देवेंद्र कुमार के खिलाफ आरजेडी से सतीश दास चुनावी मैदान में उतरे हैं. इसी सीट पर दोनों प्रत्याशी युवा हैं, लेकिन सतीश दास एक साधारण परिवार के साथ-साथ महादलित समुदाय के रविदास समाज से आते हैं. वो आरजेडी के छात्र संगठन से जुड़े रहे हैं, जिसके चलते पार्टी ने अपने मौजूदा विधायक सुबेदार दास का टिकट काटकर उन्हें मैदान में उतारा है. 

पालीगंज: दो युवाओं का सियासी भविष्य

पालीगंज सीट पर दो युवा नेताओं के बीच सियासी मुकाबला माना जा रहा है. यहां से विधायक रहे जयवर्धन यादव ने इस बार आरजेडी छोड़कर जेडीयू के टिकट पर किस्मत आजमा रहे हैं. इनका मुकाबला भाकपा माले के प्रत्याशी संदीप सौरभ से है, जो आइसा महासचिव और जेएनएसयू छात्रसंघ के पूर्व महासचिव हैं. वहीं, बीजेपी से बगावत कर एलजेपी से उतरी पूर्व विधायक उषा विद्यार्थी ने पालीगंज के मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है. हालांकि, यह जयवर्धन परिवार का मजबूत इलाका माना जाता है, उनके पिता राम लखन यादव भी कई बार विधायक रह चुके हैं, लेकिन माले के संदीप सौरभ भी यादव समुदाय से आते हैं, जिसके चलते यहां की सियासी लड़ाई काफी रोचक हो गई है. 

Advertisement


 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement