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वजीरगंज विधानसभा सीट: कांग्रेस बचाएगी अपना दुर्ग या वीरेंद्र सिंह खिलाएंगे कमल?

2008 में वजूद में आई इस सीट पर 2010 में पहला चुनाव हुआ था, जिसमें बीजेपी के वीरेंद्र सिंह जीते थे, लेकिन 2015 के चुनाव में कांग्रेस के अवधेश कुमार सिंह ने उनको पटखनी दी थी.

कांग्रेस विधायक अवधेश कुमार सिंह कांग्रेस विधायक अवधेश कुमार सिंह
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 4:20 PM IST

गया जिले की वजीरगंज विधानसभा में इस बार कांग्रेस और बीजेपी के बीच जबरदस्त मुकाबला हो सकता है. 2008 में वजूद में आई इस सीट पर 2010 में पहला चुनाव हुआ था, जिसमें बीजेपी के वीरेंद्र सिंह जीते थे, लेकिन 2015 के चुनाव में कांग्रेस के अवधेश कुमार सिंह ने उनको पटखनी दी थी. इस बार बीजेपी की कोशिश सीट पर वापसी तो अवधेश कुमार सिंह की कोशिश लगातार दूसरी जीत दर्ज करने की होगी.

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वजीरगंज विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास
वजीरगंज विधानसभा सीट 2008 में वजूद में आई थी. वजीरगंज विधानसभा क्षेत्र में गया नगर निगम का वार्ड नंबर 32 से 37 और मानपुर व वजीरगंज प्रखंड शामिल है. इस सीट पर पहला चुनाव 2010 में हुआ था, जिसमें बीजेपी के वीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस के अवधेश कुमार सिंह को मात दी थी. अगले चुनाव यानी 2015 में कांग्रेस के अवधेश कुमार सिंह ने बीजेपी के वीरेंद्र सिंह को धूल चटा दी.

सामाजिक तानाबाना
वजीरगंज में कुल मतदाता 280347 है. जिसमें पुरूष मतदाता की संख्या 52 प्रतिशत है. वहीं, महिला मतदाता की संख्या 47 प्रतिशत है. 2011 के जनगणना के मुताबिक, इस सीट पर अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या 30 फीसदी से अधिक है. 2015 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर करीब 60 फीसदी मतदान हुआ था.

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2015 के चुनावी नतीजे
2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के अवधेश कुमार सिंह ने बीजेपी के वीरेंद्र सिंह को करीब 13 हजार वोटों से शिकस्त दी थी. अवधेश कुमार सिंह को करीब 80 हजार वोट मिले थे, जबकि वीरेंद्र सिंह को करीब 67 हजार वोट मिले थे. इस सीट पर करीब 6 हजार लोगों ने नोटा का बटन दबाया था.

विधायक अवधेश कुमार सिंह के बार में
अवधेश कुमार सिंह की गिनती बेदाग छवि के नेताओं में होती है. उनका राजनीतिक कैरियर मानपुर प्रखंड के कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद से शुरू हुआ. उन्होंने साल 1980 में पहली बार विधानसभा का चुनाव जीता. 1983 में पीएचईडी विभाग के राज्य मंत्री बने. लगातार चुनाव जीतते गए. 1995 व 2000 में चुनाव में उन्हें हार मिली,

फरवरी 2005 में अवधेश कुमार सिंह को टिकट नहीं मिला, तो वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीत गए. फिर अक्टूबर 2005 के चुनाव में अवधेश कुमार सिंह ने कांग्रेस के टिकट पर जीते. फिर 2015 के चुनाव में वह कांग्रेस के टिकट पर वजीरगंज सीट से चुनाव जीत गए. महागठबंधन की सरकार में वे मंत्री भी थे.

कौन-कौन है मैदान में?
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी- श्रीधर प्रसाद
जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक)- राजीव कुमार
शिवसेना- मृत्युंजय कुमार सिंह
कांग्रेस- शशि शेखर सिंह
भारतीय जनता पार्टी- बीरेंद्र सिंह

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कब हुआ चुनाव? 
पहला चरण – 28 अक्टूबर
नतीजा – 10 नवंबर

कितने फीसदी मतदान?

वजीरगंज विधानसभा सीट पर पहले चरण में मतदान हुआ था. इस दौरान 48.4 फीसदी लोगों ने वोट डाले थे.

 

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