
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में कई नये चेहरे इस बार देखने को मिल रहे हैं. ऐसा ही एक चेहरा हैं रितु जायसवाल. आईएएस की पत्नी रितु ने अध्यापक नौकरी छोड़कर जनसेवा शुरू की. पंचायत चुनाव में जीतकर मुखिया बन गईं. पंचायती राज में उनके सराहनीय कार्यों के बल पर केन्द्र की भाजपा सरकार से उन्हें सम्मनित किया गया. अब बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में उन्हें आरजेडी ने सीतामढ़ी जिले की परिहार विधानसभा से टिकट दे दिया है.
समाजसेवा के लिए किया गांव का रुख
सीतामढ़ी जिले में सोनबरसा ब्लॉक के सुदूर राज सिंहवाहिनी पंचायत की मुखिया रितु जायसवाल भी अब चुनावी मैदान में हैं. रितु जयसवाल के पति आईएएस हैं. कुछ वर्ष पहले तक वे अपने पति के साथ थीं और दिल्ली के एक स्कूल में अध्यापिका थीं, लेकिन समाजसेवा की चाहत में रितु सबकुछ छोड़कर पंचायत चुनाव में कूद पड़ीं. वे सिंहवाहिनी पंचायत की मुखिया बन गईं. कुछ ही साल बाद उन्हें अपने काम के लिए देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने चैंपियंस ऑफ चेंज अवार्ड से सम्मानित किया. पिछले साल रितु जायसवाल सरपंच और पंचायत सचिवों के क्षमता निर्माण कार्यक्रम के लिए केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय द्वारा चयनित बिहार के पंचायती मुखियाओं (ग्राम प्रधानों) में से एक थीं.
मिला सम्मान
2019 में रितु जायसवाल को केंद्रीय पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार- 2019 से सम्मानित किया था. देश की ढ़ाई लाख पंचायत में से 240 लोगों को विभिन्न मानदंडों के आधार पर यह राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था. यही नहीं आईआईटी मुंबई में आयोजित SSE Talks में रितु जायसवाल ने बिहार का प्रतिनिधित्व किया. साथ ही ग्राम पंचायत विकास योजना को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए भारत सरकार के राष्ट्रीय ग्रामीण विकास संस्थान द्वारा चयतिन 9 पैनलिस्ट में से रितु जायसवाल भी एक थीं.
इसलिए उतरी चुनाव में
रितु के पति एक आईएएस अधिकारी हैं, जिन्होंने 2018 में वीआरएस ले लिया था. अब वे अपनी पत्नी रितु की सहायता कर रहे हैं. रितु का कहना है कि दिमाग में कभी नहीं था, कि राजनीति में आना है, लेकिन 2013 में जब वे राज सिंहवाहिनी पंचायत के अंतर्गत आने वाले अपने पति के गांव नरकटिया आईं, तो यहां की स्थिति को देखकर उन्होंने सार्वजनिक जीवन में आने का फैसला लिया. इसके बाद गांव के लोगों और खासकर महिलाओं ने मुखिया का चुनाव लड़ने के लिए कहा. चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इसके बाद पंचायत के विकास के लिए दिन रात मेहनत शुरू कर दी और सफलता भी हासिल की.
टिकट मिलने के बाद खुश हैं रितु
रितु जायसवाल ने बताया कि वे निर्दलीय चुनाव लड़ने की योजना बना रही थीं, लेकिन तभी उन्हें आरजेडी ने टिकट देने का फैसला लिया. उन्होंने बताया कि वे आरजेडी से टिकट मिलने से बेहद खुश हैं. उन्होंने कहा कि यदि चुनाव में जीत दर्ज करती हैं, तो जिस तरह मुखिया बनकर पंचायत का विकास किया, उसी तरह विधायक बनकर विधानसभा क्षेत्र में विकास करेंगी.
ये भी पढ़ें