
मुंगेर जिले में विधानसभा चुनाव का इतिहास बड़ा ही दिलचस्प रहा है. यहां से पहली बार हुए विधानसभा चुनाव में 24 विधायक चुने गए थे. फिर इस जिले से विधानसभा क्षेत्र कटने लगे और अब यहां सिर्फ तीन विधायक ही चुने जाते हैं. रामविलास पासवान पहली बार मुंगेर जिला से ही विधायक चुने गए थे.
1952 में पहली बार हुए विधानसभा के चुनावों में मुंगेर जिले से 24 विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे थे. इसमें दो विधायक सोशलिस्ट पार्टी और 22 विधायक कांग्रेस पार्टी से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. इसी कारण खड़गपुर से विधायक चुने गए श्रीकृष्ण सिंह को बिहार का पहला मुख्यमंत्री बनाया गया था.
ऐसे चुने गए थे 24 विधायक
1952 के चुनाव में बेगूसराय, खगड़िया, जमुई, लखीसराय और शेखपुरा मुंगेर जिला का अंग था. इसी कारण पहले विधानसभा चुनाव में जिले से 24 विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे थे. लेकिन 1976 में बेगूसराय, 1988 में खगड़िया, 1991 में जमुई और 1994 में लखीसराय और शेखपुरा को मुंगेर से काटकर नया जिला बना दिया गया. 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी मुंगेर प्रमंडल से 22 विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचेंगे. लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि मुंगेर जिला से सिर्फ तीन विधायक ही चुनकर विधानसभा पहुंचेंगे.
रामविलास पासवान पहली बार मुंगेर जिला से ही चुने गए थे विधायक
खगड़िया जिले के अलौली से रामविलास पासवान 1969 में पहली बार विधायक चुने गए थे. उस समय अलौली विधानसभा क्षेत्र मुंगेर जिला का अंग था. इसी कारण उनका नामांकन मुंगेर जिला मुख्यालय में हुआ था. 1969 के विधायक और पूर्व मंत्री शमशेर सिंह बहादुर सिंह ने बताया कि उस समय मुंगेर जिला से लगभग 18-20 विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. इसमें अलौली सीट से रामविलास पासवान भी विधानसभा चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने थे. उस समय सभी लोगों का नामांकन जिला मुख्यालय में ही होता था. इसके कुछ दिन के बाद से ही मुंगेर जिला को धीरे-धीरे छोटा किया जाने लगा. इसी कारण वर्तमान में मुंगेर जिला में सिर्फ तीन विधानसभा क्षेत्र ही रह गए.
1952 में जिला मुख्यालय में होता था नामांकन
1952 से 1980 तक विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशियों का नामांकन जिला मुख्यालय में ही होता था. इसी कारण बेगूसराय, खगड़िया, लखीसराय, शेखपुरा, जमुई और मुंगेर जिले के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्याशी नामांकन कराने के लिए मुंगेर मुख्यालय पहुंचे थे. 1980 के बाद धीरे-धीरे प्रक्रिया में परिवर्तन हुआ और अनुमंडल स्तर पर ही प्रत्याशियों के नामांकन की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई.
(रिपोर्ट- गोविंद कुमार)
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