
सड़क से संसद तक भारी विरोध के बीच किसानों से जुड़ा दो बिल पास हो चुका है. विपक्ष ने इसे काला कानून बताया तो मोदी सरकार का दावा है कि अब किसानों के अच्छे दिन आने वाले हैं. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर कृषि बिल को लेकर विपक्ष के वार पर पलटवार किया है. पीएम मोदी ने कहा कि विधेयक से कृषि मंडियां खत्म नहीं हो रही हैं.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कल देश की संसद ने, देश के किसानों को नए अधिकार देने वाले बहुत ही ऐतिहासिक कानूनों को पारित किया है. मैं देश के लोगों को, देश के किसानों, देश के उज्ज्वल भविष्य के आशावान लोगों को भी इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं. ये सुधार 21वीं सदी के भारत की जरूरत हैं.
पीएम नरेंद्र मोदी ने पूछा कि हमारे देश में अब तक उपज बिक्री की जो व्यवस्था चली आ रही थी, जो कानून थे, उसने किसानों के हाथ-पांव बांधे हुए थे. इन कानूनों की आड़ में देश में ऐसे ताकतवर गिरोह पैदा हो गए थे, जो किसानों की मजबूरी का फायदा उठा रहे थे. आखिर ये कब तक चलता रहता?
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि नए कृषि सुधारों ने किसान को ये आजादी दी है कि वो किसी को भी, कहीं पर भी अपनी फसल अपनी शर्तों बेच सकता है. उसे अगर मंडी में ज्यादा लाभ मिलेगा, तो वहां अपनी फसल बेचेगा. मंडी के अलावा कहीं और से ज्यादा लाभ मिल रहा होगा, तो वहां बेचने पर भी मनाही नहीं होगी.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसानों को मिली इस आजादी के कई लाभ दिखाई देने शुरू हो गए हैं, क्योंकि इसका अध्यादेश कुछ महीने पहले निकला गया था. ऐसे प्रदेश जहां पर आलू बहुत होता है, वहां से रिपोर्ट्स हैं कि जून-जुलाई के दौरान थोक खरीदारों ने किसानों को अधिक भाव देकर सीधे कोल्ड स्टोरेज से ही आलू खरीद लिया है.