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आक्रामक तेवर से नीतीश के हाथों चित हुए तेजस्वी, चिराग की लौ से बुलंद हुई BJP की मशाल!

इस विधानसभा चुनाव में जेडीयू से ज़्यादा सीटें हासिल कर बीजेपी ने नीतीश कुमार का कद छोटा कर दिया है. नीतीश कुमार भले ही मुख्यमंत्री बन जाएं लेकिन दबदबा बीजेपी का ही कायम रहेगा.

बिहार के सीएम नीतीश कुमार. बिहार के सीएम नीतीश कुमार.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 8:23 AM IST
  • बिहार में बीजेपी को जदयू से ज्यादा सीटें
  • एलजेपी ने चलाई जदयू के वोटों पर कैंची
  • नीतीश का आक्रामक अंदाज ने बुझाई तेजस्वी की लालटेन

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के शासन को लेकर लगातार हमले किए. बिहार में बीजेपी से ज्यादा विपक्षी पार्टियों के निशाने पर नीतीश रहे. कम अनुभव वाले तेजस्वी यादव को नीतीश ने आक्रामक होकर ऐसे दांव खेले कि युवा जोश का दंभ भर रहे तेजस्वी यादव की लालटेन जल नहीं पाई. एनडीए ने पूर्ण बहुमत के लिए 122 सीट के जादुई आंकड़े को पार कर लिया.

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एनडीए को 125 सीट पर जीत मिली है. महागठबंधन 110 सीटें ही जीत सका. नीतीश कुमार ने न केवल तेजस्वी यादव के नौकरी वाले वादे को भ्रष्टाचार से जोड़ा, बल्कि उन्होंने लालू परिवार पर कई निजी हमले भी किए. चुनाव प्रचार में वह बार-बार बिहार में जंगलराज की बात कर जनता को आगाह कर रहे थे. वह चुनाव प्रचार के दौरान बार-बार 15 साल पहले के खौफनाक बिहार की याद दिला रहे थे.

चिराग ने की बीजेपी की मशाल बुलंद

बिहार चुनाव में एलजेपी के चिराग ने अपना घर तो रोशन नहीं किया लेकिन नीतीश कुमार के घर में आग जरूर लगा दी. चिराग पासवान ने पूरे चुनाव प्रचार में अगर किसी एक शख्स को अपना निशाना बनाकर रखा था तो वो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार थे और ये तब हो रहा था जब बीजेपी के तमाम बड़े नेता यही कह रहे थे कि नीतीश ही उनके नेता हैं. बीजेपी के लिए चिराग अलादीन का चिराग साबित हो गए क्योंकि नीतीश का वोट काटकर उन्होंने बीजेपी को जेडीयू की तुलना में काफी बड़ी पार्टी बना दिया.

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जदयू के वोटों पर कैंची! 

महुआ सीट पर आरजेडी के राकेश रौशन को 30 हजार वोट मिले. उनके सामने जेडीयू उम्मीदवार को 24 हजार वोट मिले लेकिन एलजेपी ने 12 हजार वोट हासिल किया. वैसे ही बेगूसराय के मटिहानी सीट जीतने वाली सीपीआई उम्मीदवार राजेंद्र प्रसाद सिंह को 37 हजार से ज्यादा वोट मिले. उनके सामने जेडीयू के बोगो सिंह को 31 हजार से ज्यादा वोट मिले और एलजेपी को 26 हजार से ज्यादा वोट.

महिषी सीट से आरजेडी के गौतम कृष्ण को 47 हजार वोट मिले वही जेडीयू के गुंजेश्वर को 45 हजार वोट जबकि एलजेपी को सात हजार. सासाराम के दिनारा सीट पर आरजेडी के विजय मंडल को 50 हजार से ज्यादा वोट मिले जबकि नीतीश सरकार में मंत्री जेडीयू उम्मीदवार जय कुमार सिंह को 21 हजार वोट मिले जबकि एलजेपी उम्मीदवार राजेंद्र सिंह को 46 हजार.

नीतीश सीएम लेकिन बीजेपी का दबदबा

इस विधानसभा चुनाव में जेडीयू से ज़्यादा सीटें हासिल कर बीजेपी ने नीतीश कुमार का कद छोटा कर दिया है. नीतीश कुमार भले ही मुख्यमंत्री बन जाएं लेकिन दबदबा बीजेपी का ही कायम रहेगा. इसमें काफी हद तक एलजेपी की भी भूमिका है. दरअसल, जेडीयू भी समझती है कि चिराग ने उन्हें नुकसान पहुंचाया तो कहीं न कहीं उन्हें बीजेपी की शह मिली हुई थी. भले ही बीजेपी के बड़े-बड़े नेताओं ने चिराग पर निशाना साधकर जेडीयू की आशंका को दूर करने की कोशिश की.  इन सबके बीच एनडीए को जीत मिली है. लेकिन बीजेपी से नीतीश के रिश्ते अच्छे रहेंगे या उलटफेर हो सकता है. इस पर सबकी नज़र बनी रहेगी.

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