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नहीं मानी तेजस्वी की बात, JDU में जाएंगे रघुवंश प्रसाद? नाराजगी के ये हैं तीन कारण

रघुवंश प्रसाद सिंह को मनाने के लिए रविवार को दिल्ली पहुंचने के बाद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी उनसे मुलाकात की थी और अपना इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध किया था, मगर इसके बावजूद भी रघुवंश प्रसाद सिंह नहीं माने.

रघुवंश प्रसाद सिंह के साथ तेजस्वी यावद (फाइल फोटो) रघुवंश प्रसाद सिंह के साथ तेजस्वी यावद (फाइल फोटो)
रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 25 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 2:08 PM IST
  • बिहार में सियासी हलचल तेज
  • रघुवंश प्रसाद की नाराजगी जारी
  • जेडीूय में जाने की अटकलें तेज

चुनावी माहौल के बीच बिहार की राजनीति में काफी हलचल नजर आ रही है. अब राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि वह आने वाले वक्त में जनता दल यूनाइटेड का दामन थाम सकते हैं.

रघुवंश प्रसाद सिंह आरजेडी से नाराज हैं और इसी कारण उन्होंने जून में पार्टी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. रघुवंश को मनाने की तमाम कोशिशें अब फेल नजर आ रही हैं. रघुवंश प्रसाद सिंह को मनाने के लिए रविवार को दिल्ली पहुंचने के बाद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी उनसे मुलाकात की थी और अपना इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध किया था, इसके बावजूद भी रघुवंश प्रसाद सिंह नहीं माने.

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ऐसे में अब इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि रघुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी अगर खत्म नहीं होती है तो क्या वह दूसरे किसी पार्टी का दामन थाम सकते हैं?

राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा तेज है कि आने वाले दिनों में रघुवंश प्रसाद सिंह जनता दल यूनाइटेड का दामन थाम सकते हैं.

आखिर क्यों नाराज है रघुवंश प्रसाद सिंह?

रघुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी की सबसे बड़ी वजह राज्यसभा नहीं भेजा जाना है. 2014 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद से रघुवंश प्रसाद सिंह राजनीतिक तौर पर हाशिए पर हैं और उन्हें उम्मीद थी इस साल उन्हें राज्यसभा भेजा जाएगा. मगर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने अमरेंद्र धारी सिंह और प्रेमचंद गुप्ता को राज्यसभा भेजा.

दूसरी वजह रघुवंश प्रसाद सिंह के प्रतिद्वंदी और लोक जनशक्ति पार्टी के पूर्व सांसद रामा सिंह को आरजेडी में शामिल कराने की तेजस्वी यादव की कोशिश मानी जा रही है. रामा सिंह और रघुवंश प्रसाद सिंह दोनों वैशाली संसदीय क्षेत्र की राजनीति करते हैं. 2014 में रामा सिंह ने रघुवंश प्रसाद सिंह को लोकसभा चुनाव में शिकस्त दी थी. अब विधानसभा चुनाव से पहले तेजस्वी यादव रामा सिंह को आरजेडी में शामिल कराने का प्रयास कर रहे थे और इसी को लेकर रघुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी और ज्यादा बढ़ गई.

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तीसरा कारण, रघुवंश प्रसाद सिंह की प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से भी नाराजगी बताई जाती है. बताया जाता है कि रघुवंश प्रसाद सिंह जगदानंद सिंह की कार्यशैली से संतुष्ट नहीं हैं और इसी वजह से उनकी नाराजगी प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी है.

दिल्ली में चल रहा इलाज

रघुवंश प्रसाद सिंह फिलहाल दिल्ली एम्स में अपना इलाज करवा रहे हैं और सूत्रों के मुताबिक अपने अगले राजनीतिक कदम के बारे में वह फैसला अस्पताल से निकलने के बाद लेंगे. पिछले दिनों रघुवंश प्रसाद सिंह कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे.

जेडीयू ने कहा- स्वागत है

रघुवंश प्रसाद सिंह के जनता दल यूनाइटेड में शामिल होने के कयासों के बीच पार्टी ने ऐसे किसी भी संभावना का स्वागत किया है. जनता दल यूनाइटेड प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा, ''तेजस्वी यादव ने अनेक मौकों पर रघुवंश प्रसाद सिंह की उपेक्षा की है और उन्हें अपमानित करने की कोशिश की. तेजस्वी यादव से मुलाकात करने के बावजूद भी रघुवंश प्रसाद सिंह आहत हैं और उन्हें आरजेडी का माहौल रास नहीं आ रहा है. बहुत जल्दी रघुवंश प्रसाद सिंह आरजेडी छोड़ सकते हैं. अगर रघुवंश प्रसाद सिंह आरजेडी छोड़कर जनता दल यूनाइटेड में शामिल होना चाहेंगे तो इससे हमें प्रसन्नता होगी.''

वहीं, आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, ''रघुवंश प्रसाद सिंह समाजवादी नेता हैं और आरजेडी के स्थापना काल के नेता हैं. रघुवंश प्रसाद सिंह ने सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है और हमें विश्वास है कि वह इस लड़ाई को कमजोर नहीं पड़ने देंगे. हम लोगों को इस बात की पूरी उम्मीद है कि रघुवंश प्रसाद सिंह का पैर इधर-उधर नहीं डगमगाएगा.''

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