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Supaul: कोसी ने मिटा दिया इस गांव का आधा नक्शा, मतदान केंद्र भी तबाह

इस पंचायत के करीब 80 से अधिक घरों पर अब भी कटाव का खतरा मंडरा रहा है. यहां के ग्रामीणों ने बताया कि इस बारे में अधिकारियों को सूचना दे दी गई है, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही.

लोग कोसी नदी की तबाही को झेल रहे हैं लोग कोसी नदी की तबाही को झेल रहे हैं
aajtak.in
  • सुपौल,
  • 30 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 10:56 PM IST
  • कोसी नदी के कटाव में बह गया मतदान केंद्र
  • अंतिम चरण में 7 नवंबर को होना है मतदान

बिहार के सुपौल जिले की बौराहा पंचायत की किस्मत यहां से बहने वाली कोसी नदी तय करती है. नदी में बढ़ता जलस्तर हर वर्ष इन गांव के लोगों के लिए तबाही का मंजर लेकर आता है. इस वर्ष भी चुनाव से पहले इस गांव का हाल कुछ ऐसा ही हुआ है. यहां के स्कूल, घर, सड़कें तो छोड़िए मतदान के लिए बनाया गया बूथ नंबर 18 तक नदी के तेज कटाव में बह गया.   

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सुपौल जिले के किशनपुर प्रखंड की बौराहा पंचायत के लोग कोसी नदी की तबाही के इस मंजर को झेल रहे हैं. नदी के तेज बहाव के चलते कटाव होने से तीन दर्जन से अधिक घर, पक्की सड़क के साथ ही वो प्राथमिक विद्यालय भी पानी में ढ़ह गया, जहां पर बिहार चुनाव 2020 के लिए मतदान होना था. दर्जनों परिवार इस तबाही के बाद बेघर होकर सड़क पर आ गए हैं. इतना ही नहीं किसानों की धान की फसल भी नदी के पानी की भेंट चढ़ गई है. 

ऐसा नहीं है कि तबाही का ये मंजर यहां पर खत्म हो गया है. इस पंचायत के करीब 80 से अधिक घरों पर अब भी कटाव का खतरा मंडरा रहा है. यहां के ग्रामीणों ने बताया कि इस बारे में अधिकारियों को सूचना दे दी गई है, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही. अधिकारियों द्वारा अभी तक कटाव निरोधी कोई कार्य शुरू नहीं किया गया है, जिससे ग्रामीण दहशत में हैं. 

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यहां पर तीसरे चरण में सात नवंबर को मतदान होना है. ऐसे में गांव में बनाया गया बूथ भी कोसी नदी के तेज कटाव में बह गया. अब वोटिंग कहां होगी, ये भी बड़ा सवाल है. ग्रामीणों का कहना है कि जब मतदान केन्द्र ही नहीं, तो वोट कहां डालेंगे. इस दौरान गुस्साए ग्रामीणों ने घर नहीं तो वोट नहीं के नारे भी लगाए.

(रिपोर्ट: रामचंद्र गौतम)

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