
बिहार विधानसभा चुनाव की कुल 243 सीटों पर 3737 प्रत्याशी किस्मत आजमाने मैदान में उतरे थे. बिहार की सत्ता पर कौन काबिज होगा, यह तो 10 नवंबर को नतीजे के दिन ही पता चल सकेगा. लेकिन इससे पहले इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया का एग्जिट पोल जनता के सामने आ चुका है. एग्जिट पोल के मुताबिक, महागठबंधन बिहार की सत्ता पर पूर्ण बहुमत के साथ काबिज होती नजर आ रही है, जबकि एनडीए को तगड़ा झटका लगा है.
राजनीतिक दलों के प्रदर्शन की बात करें तो एग्जिट पोल में सबसे ज्यादा सीटें आरजेडी को मिल रही हैं, लेकिन स्ट्राइक रेट के मामले में सीपीआई (माले) आगे है.
इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक, आरजेडी को 94 से 106 सीटें मिलती दिख रही हैं. आरजेडी 144 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारी थी. इसका मतलब है कि आरजेडी का स्ट्राइक रेट करीब 70 फीसदी है.
वहीं, महागठबंधन की सहयोगी कांग्रेस ने 70 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. उसे 29 से 35 सीटें मिलती दिख रही हैं. इस तरह से कांग्रेस का बिहार में स्ट्राइक रेट 50 फीसदी के करीब आने की संभावना है. 2015 के चुनाव के आंकड़े देखें तो कांग्रेस 41 सीटों में से 27 सीटें जीतने में कामयाब रही थी.
महागठबंधन में शामिल वामपंथी दल दोबारा से मजबूत होते नजर आ रहे हैं. सीपीआई (माले) बिहार की 16 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारी थी. उसे 12 से 16 सीटें मिलती हुई नजर आ रही हैं. इस तरह से सीपीआई (माले) का स्ट्राइक रेट 95 फीसदी से ज्यादा रहने की संभावना है. सीपीआई ने 6 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. उसे 2 सीटें मिलती दिख रही हैं. सीपीआई का स्ट्राइक रेट करीब 35 फीसदी है. सीपीआई (एम) ने चार सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से 2 सीटों पर उसे जीत मिल रही है. इस तरह से सीपीएम का 50 फीसदी स्ट्राइक रेट है.
क्या है बीजेपी का स्ट्राइक रेट
बिहार में बीजेपी 110 सीटों पर चुनाव लड़ रही. उसे 38 से 50 सीटें मिलती दिख रही हैं. इस लिहाज से बीजेपी का स्ट्राइक रेट करीब 50 फीसदी है. 2015 में बीजेपी ने 157 सीटों में से 53 सीटों पर जीत दर्ज की थी. हालांकि, पिछले चुनाव में बीजेपी और जेडीयू अलग-अलग चुनाव लड़ी थी, जबकि इस बार दोनों एक साथ मैदान में थे. इसके बावजूद कोई खास असर नहीं छोड़ सके.
नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जेडीयू ने बिहार में 115 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से उसे 26 से 34 सीटें मिलती दिख रही हैं. इस लिहाज से जेडीयू का स्ट्राइक रेट करीब 35 फीसदी है. 2015 में जेडीयू 101 सीटों पर चुनाव लड़कर 71 सीटें जीतने में कामयाब रही थी.
वहीं, वीआईपी पार्टी ने 11 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से उसे 2 से 3 सीटें मिलती दिख रही हैं. ऐसे ही जीतनराम मांझी की पार्टी HAM ने सात सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से वो 3 से 4 सीटों पर जीतती नजर आ रही है. इस तरह से मांझी की पार्टी का 50 फीसदी का स्ट्राइक रेट है.
वहीं, एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ने वाली एलजेपी ने बिहार की 135 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से वो 3 से 5 सीटें जीतती नजर आ रही है. इसके अलावा जीडीएसएफ को 3 से 5 सीटें मिल रही हैं. वहीं, अन्य को 3 से 5 सीटें मिल रही हैं.