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झंझारपुर विधानसभा: महागठबंधन बनाम NDA की लड़ाई, किसे मिलेगी जीत?

झंझारपुर विधानसभा से आरजेडी के गुलाब यादव विधायक हैं. 2015 के चुनाव में कुल 19 लोगों ने नामांकन दाखिल किया था. जिसमें 16 प्रत्याशियों की जमानत तक जब्त हो गई थी. इस चुनाव में कुल 54.35 फीसदी वोट पड़े थे.

तेजस्वी यादव के साथ गुलाब यादव (फाइल फोटो) तेजस्वी यादव के साथ गुलाब यादव (फाइल फोटो)
अभिषेक शुक्ल
  • नई दिल्ली,
  • 26 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 11:03 PM IST
  • गुलाब राय हैं झंझारपुर के विधायक
  • बीजेपी प्रत्याशी को हराकर मिली थी जीत
  • महागठबंधन बनाम एनडीए की है लड़ाई

बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से झांझरपुर विधानसभा का सीट क्रमांक 38 है. यह मधुबनी जिले और झांझरपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है. इस सीट से राष्ट्रीय जनता दल के विधायक गुलाब यादव हैं. झंझारपुर विधानसभा सीट पर कुल 2,71,231 वोटर हैं. इन वोटरों में 1,42,925 पुरुष और 1,28,301 महिला वोटर्स हैं.

मधुबनी जिला मिथिला संस्कृति की बेहद महत्वपूर्ण धुरी है, झंझारपुर भी जिसका अभिन्न अंग है. यहां मैथिली भाषा बोली जाती है. यहां की मधुबनी पेंटिंग विश्व प्रसिद्ध है. पहले यह कला महज रंगोली तक सीमित रही लेकिन अब कपड़े, दीवार और कागजों में इस शैली की बेहद मांग है.

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2015 का चुनाव 

2015 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से राष्ट्रीय जनता दल के गुलाब यादव विजयी हुए थे. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के प्रत्याशी नीतीश मिश्रा को चुनावी समर में परास्त किया था.  एक तरफ जहां गुलाब यादव को 64,320 मत हासिल हुए थे, वहीं नीतीश मिश्रा 63,486 वोट हासिल करने में कामयाब रहे थे. जीत का अंतर महज 834 वोट था.

2015 के चुनाव में कुल 19 लोगों ने नामांकन दाखिल किया था. जिसमें 16 प्रत्याशियों की जमानत तक जब्त हो गई थी. इस चुनाव में कुल 54.35 फीसदी वोट पड़े थे. नीतीश मिश्रा जनता दल यूनाइटेड से 2 बार के विधायक रह चुके हैं. साल 2010 में और 2005 में हुए चुनावों में वे विजयी रहे थे. दोनों चुनावों में आरजेडी दूसरे नंबर की पार्टी थी.

सीट का इतिहास

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इस सीट पर वोटिंग सबसे पहले 1951 में हुई. तब कांग्रेस पार्टी के कपिलेश्वर शास्त्री विजयी रहे. 1957 में देवचंद्र झा, 1962 में हरिश्चंद्र झा, 1967 में एच मिश्रा चुनाव जीते. ध्यान देने वाली बात यह है कि सभी कांग्रेस  पार्टी से थे. इस सीट पर 1951 से 1967 तक कांग्रेस का दबदबा रहा.

फिर 1972 से 1990 तक इस सीट पर कांग्रेस का ही कब्जा रहा. 1995 में जीत का अंतराल टूटा औऱ जनता दल के रामावतार चौधरी ने कांग्रेस प्रत्याशी देवचंद्र झा को हराया. 2000 में आरजेडी, फिर 2005 और 2010 में जेडीयू यहां से जीतने में कामयाब रही. कांग्रेस के अलावा जेडीयू ही है, जिसे 2 बार लगातार जीत मिली है.

विधायक के बारे में

गुलाब यादव मैट्रिक पास हैं. इनका जन्म 15 फरवरी 1968 को मधुबनी के गंगापुर में हुआ. साल 1990 में इन्होंने सक्रिय रूप से राजनीति में एंट्री ली. नवंबर 2015 से ये विधायक हैं. इन्होंने जर्मनी, मलेशिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया, यूक्रेन सहित लगभग 40 देशों की यात्राएं की हैं. समाजसेवा में इनकी विशेष अभिरुचि है. देखने वाली बात यह है कि महागठबंधन बनाम राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंन(एनडीए) की लड़ाई में जीत का सेहरा किसके सिर सजता है.

किस-किसके के बीच है मुकाबला?

झंझारपुर में इस बार बेहद दिलचस्प मुकाबला है. एनडीए बनाम महागठबंधन की सीधी जंग है. यह सीट, एनडीए के बंटवारे में भारतीय जनता पार्टी के खाते में गई है. बीजेपी की ओर से जहां नीतीश मिश्रा फिर से चुनावी समर में हैं, वहीं महागठबंधन से समर्थित सीपीआई के राम नारायण यादव चुनाव लड़ रहे हैं. 

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बहुजन मुक्ति पार्टी के राज कुमार, प्लूरल्स पार्टी से संजीव कुमार सुमन, सत्य बहुमत पार्टी से राम शंकर राउत और जन अधिकार पार्टी(लोकतांत्रिक) से सदानंद सुमन चुनाव लड़ रहे हैं.



56.3% लोगों ने किया वोट

झंझारपुर विधानसभा में दूसरे चरण के तहत वोटिंग हुई. दरअसल इस चरण में 17 जिलों की 94 सीटों पर वोट डाले गए थे. इस चुनाव में कुल 56.3% वोट पड़े. चुनाव के नतीजे 10 नवंबर को आएंगे.

 

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