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मधुबनी विधानसभा सीटः क्या आरजेडी की दोबारा होगी सत्ता में वापसी?

2015 के विधानसभा चुनाव में मधुबनी से राष्ट्रीय जनता दल के समीर कुमार महासेठ ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रामदेव महतो को हराया था. इस चुनाव में आरजेडी को जहां 76,823 वोट मिले थे, वहीं बीजेपी को 69,519 वोट हासिल हुए थे.

तेजस्वी यादव के सुनील कुमार महासेठ (फाइल फोटो) तेजस्वी यादव के सुनील कुमार महासेठ (फाइल फोटो)
अभिषेक शुक्ल
  • नई दिल्ली,
  • 25 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 6:12 PM IST
  • मिथिला संस्कृति की महत्वपूर्ण धुरी है मधुबनी
  • आरजेडी के समीर कुमार हैं यहां से विधायक
  • बीजेपी से बीते चुनाव में मिली थी कड़ी टक्कर

मधुबनी विधानसभा का सीट क्रमांक 36 है. यह विधानसभा मधुबनी जिले और मधुबनी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है. इस विधानसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल(आरजेडी) के समीर कुमार महासेठ हैं.

मधुबनी मिथिला संस्कृति की एक महत्वपूर्ण धुरी है. यहां मैथिली भाषा बोली जाती है. यहां की मधुबनी पेंटिंग विश्व प्रसिद्ध है. इस कला का विस्तार ऐसे हुआ कि पहले जहां यह रंगोली तक सीमित था, अब कपड़े, दीवार और कागजों में इस शैली की बेहद मांग है. यह क्षेत्र मखाना के उत्पादन के लिए भी जाना जाता है.

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2015 का चुनाव

2015 के चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के समीर कुमार महासेठ ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रामदेव महतो को हराया था. इस चुनाव में आरजेडी को जहां 76,823 वोट मिले थे, वहीं बीजेपी को 69,519 वोट हासिल हुए थे. तीसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी के नैयर अजा थे, जिन्हें 3,874 मत हासिल हुए थे. वहीं निर्दलीय प्रत्याशी विजय  को 2,539 वोट मिले थे. इस चुनाव में कुल 53 फीसदी लोगों ने वोटिंग की थी. कुल 12 लोग चुनावी समर में उतरे थे, जिनमें से 10 की जमानत जब्त हो गई थी.

सीट की पृष्ठ भूमि

इस विधानसभा सीट पर पहली बार साल 1951 में चुनाव हुए. इस सीट के वोटर नेताओं के नाम पर वोटिंग करते हैं, तभी हर साल पार्टियां बदल जाती हैं. 2000 में इस विधानसभा सीट से राम देव महतो विधायक चुने गए. फरवरी 2005 के चुनाव में भी उन्हें ही जीत हासिल हुई. फिर स्पष्ट बहुमत न होने और सरकार न बन पाने की स्थिति में जब दोबारा चुनाव अक्टूबर में कराए गए, तब फिर रामदेव महतो विजयी हुए.

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साल 2010 के चुनाव में भी रामदेव महतो को जीत मिली. उन्होंने राजद प्रत्याशी नैय्यर आजम को को मात दी. तब के चुनाव में बीजेपी को 44,817 मत पड़े थे, वहीं नैयर आजम 44,229 मत पड़े थे. जीत का अंतर बेहद कम था.

सामाजिक ताना बाना

मधुबनी विधानसभा में लगभग 2,93,834 वोटर हैं. इनमें से 1,56,010 पुरुष और 1,37,799 महिलाएं हैं. मिथिलांचल का यह क्षेत्र अपनी कलाकृतियों के लिए देश-विदेश में नाम कमा रहा है. मुख्यत: दरभंगा, मधुबनी और नेपाल के कुछ इलाकों में मधुबनी चित्रकला बनाई जाती है. मधुबनी के सार्वजनिक स्थलों पर बनीं कलाकृतियां लोगों के आकर्षण का केंद्र भी बनी हुई हैं.

विधायक के बारे में

समीर कुमार महासेठ बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रहे हैं. इनका जन्म 8 जनवरी 1958 को मधुबनी में ही हुआ था. इन्होंने एमकॉम किया है. आम्रपाली बैंक्यूट प्राइवेट लिमिटेड, पटना के ये निदेशक भी हैं.  साल 1977 में इन्होंने सक्रिय राजनीति में हिस्सा लिया. 2003 से 2009 तक ये बिहार विधानसभा परिषद के सदस्य भी रहे हैं.

वहीं 1998 में इन्होंने आईसीएआर, के डायरेक्टर का पद संभाला. 2008 में बाल श्रमिक आयोग के सदस्य रहे. फिर 2013 में सोशल ओलम्पिक बिहार के अध्यक्ष रहे. एथेन्स स्पेशल ओलम्पिक वर्ल्ड सेमीनार, 2011 में ये एथेन्स दौरे पर गए थे. खेल-कूद में विशेष रुचि है.

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महागठबंधन बनाम राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन की इस लड़ाई में देखने वाली बात यह है कि दोबारा आरजेडी की इस सीट पर वापसी होती है या नहीं.
 

किस-किसके के बीच है मुकाबला?

मधुबनी विधानसभा चुनाव में इस बार एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर है. इस सीट से महागठबंधन की ओर से आरजेडी के प्रत्याशी समीर कुमार महासेठ हैं, वहीं दूसरी तरफ एनडीए की ओर से विकासशील इंसान पार्टी के प्रत्याशी सुमन कुमार महासेठ हैं. 
अन्य उम्मीदवारों में दी प्लूरल्स पार्टी की मधुबाला गिरि, भारतीय चेतना पार्टी की अनुप्रिया देवी और लोक जनशक्ति पार्टी के अरविंद कुमार पूर्बे हैं.

 


53.79% लोगों ने किया वोट

मधुबनी विधानसभा में दूसरे चरण के तहत 3 नवंबर को वोटिंग हुई. दरअसल इस चरण में 17 जिलों की 94 सीटों पर वोट डाले गए थे. इस चुनाव में कुल 53.79% वोट पड़े. चुनाव के नतीजे 10 नवंबर को आएंगे.

 

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