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राजनगर विधानसभा सीटः क्या दूसरी बार बीजेपी लहराएगी जीत का परचम?

राजनगर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के नेता रामप्रीत पासवान विधायक हैं. 2015 के चुनाव में बीजेपी के रामप्रीत पासवान ने आरजेडी प्रत्याशी रामावतार पासवान को हराया था.

BJP के लिए बेहद महत्वपूर्ण है ये सीट (सांकेतिक तस्वीर) BJP के लिए बेहद महत्वपूर्ण है ये सीट (सांकेतिक तस्वीर)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 10:59 PM IST
  • राजनगर विधानसभा पर बीजेपी का है कब्जा
  • आरक्षित सीटों में से एक है राजनगर विधानसभा
  • मधुबनी पेंटिंग यहां कि है विश्व विख्यात

राजनगर विधानसभा सीट बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से एक है. इस विधानसभा का सीट क्रमांक 37 है. यह झांझरपुर लोकसभा क्षेत्र और मधुबनी जिले के अंतर्गत आती है. फिलहाल यह विधानसभा सीट आरक्षित वर्ग के लिए है. इस विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के नेता रामप्रीत पासवान विधायक हैं. 

मधुबनी जिले के इस इलाके में भी मधुबनी पेटिंग बनाई जाती है. यह चित्रकारी पूरे मधुबनी की अलग पहचान दुनिया में स्थापित करती है.

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2015 का चुनाव

2015 के चुनाव में बीजेपी के रामप्रीत पासवान ने आरजेडी प्रत्याशी रामावतार पासवान को हराया था. इस चुनाव में बीजेपी को कुल 71,614 वोट मिले थे, वहीं आरजेडी के रामावतार पासवान को 65,372 वोट मिले थे.

2015 के चुनाव में कुल 11 लोगों ने पर्चा भरा था, जिसमें 9 लोगों की जमानत तक जब्त हो गई थी. इस साल 52.22 फीसदी लोगों ने मतदान में हिस्सा लिया था.
इससे पहले 2014 में एक उपचुनाव हुआ था जिसमें आरजेडी के रामावतार पासवान ने राम प्रीत पासवान को हराया था. 2010 के चुनाव में आरजेडी के आरएलआर रमन ने रामप्रीत शिकस्त दी थी.

सीट का इतिहास


राजनगर सीट पर पहली बार चुनाव 1967 में हुआ था. तब इस सीट से कांग्रेस के आर महतो चुने गए थे. यह सीट लंबे अरसे से आरक्षित सीट के तौर पर रही है.

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सामाजिक ताना बाना

इस विधानसभा में लगभग 2,72,110 वोटर हैं. इनमें से 1,44,831 पुरुष और 1,27,268 महिला वोटर हैं. यह क्षेत्र मधुबनी कला के लिए विख्यात है. 

विधायक के बारे में

रामप्रीत पासवान का जन्म 21 मार्च 1953 को मधुबनी जिले के सेलीवेली में हुआ था. इन्होंने दो बार एमएस, एलएलबी किया है. पीएचडी हैं. राजनीति से इतर कृषि और शिक्षण कार्य में भी ये सक्रिय रहे हैं.

शिक्षकों के हक में आवाज उठाने की वजह से 3 बार जेल भी जा चुके हैं. अपने इलाके में छुआ-छूत, बटाईदारी कानून लागू कराने और सामाजिक आंदलनों को बढ़ावा देने के हमेशा से प्रयासरत रहे हैं. 

जब इन्होंने राजनीति की शुरुआत की तो 1967 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य भी रहे. 1973 से 2000 तक इन्होंने शिक्षक के पद पर काम किया है. 

किस-किसके के बीच है मुकाबला?

राजनगर सीट पर इस बार बेहद दिलचस्प मुकाबला है. इस सीट पर एनडीए बनाम महागठबंधन की सीधी टक्कर है. इस सीट पर महागठबंधन की ओर से आरजेडी के रामावतार पासवान चुनाव लड़ रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ एनडीए की ओर से बीजेपी ने एक बार फिर विधायक रामप्रीत पासवान पर भरोसा जताया है.

अन्य प्रत्याशियों में समाजवादी जनता दल डेमोक्रेटिक की ओर से शिव शंकर पासवान, प्लूरल्स पार्टी की ओर से संतोष कुमार सुमन, जागो हिंदुस्तान पार्टी की ओर से अरुण कुमार मंडल चुनाव लड़ रहे हैं.

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52.3% लोगों ने किया वोट

राजनगर विधानसभा में दूसरे चरण के तहत वोटिंग हुई. दरअसल इस चरण में 17 जिलों की 94 सीटों पर वोट डाले गए थे. इस चुनाव में कुल 52.3% वोट पड़े. चुनाव के नतीजे 10 नवंबर को आएंगे.

 

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