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चिराग पर बोले जेपी नड्डा- उनकी उम्मीदें ज्यादा थीं, हम पूरी नहीं कर सकते थे

जेपी नड्डा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) से इस चुनाव में कोई संबंध नहीं है. राजनीति में हर एक पार्टी की अपनी आकांक्षाएं होती हैं. चिराग पासवान ज्यादा सीटें मांग रहे थे. हम चाहते थे कि वो हमारे साथ रहें, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (पीटीआई) बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (पीटीआई)
aajtak.in
  • पटना,
  • 25 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 1:56 PM IST
  • बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की आजतक से खास बातचीत
  • बीजेपी और LJP में कोई गुप्त समझौता नहीं हैः नड्डा
  • नड्डा बोले-बिहार में सबसे ज्यादा विश्वसनीय नेता नीतीश हैं

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को आजतक से खास बातचीत की. इस बातचीत के दौरान जेपी नड्डा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) से इस चुनाव में कोई संबंध नहीं है. 

बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि राजनीति में हर एक पार्टी की अपनी आकांक्षाएं होती हैं. चिराग पासवान ज्यादा सीटें मांग रहे थे. हम चाहते थे कि वो हमारे साथ रहें, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. बीजेपी और LJP में कोई गुप्त समझौता नहीं है. हमारा कोई भी संबंध LJP से नहीं है. बीजेपी ईमानदारी से काम करती है. बीजेपी पूरी तरह से नीतीश कुमार के साथ है.

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बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि हम जो कहते हैं, उसे निभाते हैं. हर स्थिति में नीतीश कुमार ही हमारे नेता रहेंगे और बीजेपी उनके साथ खड़ी रहेगी. बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि दुनिया और देश में पीएम नरेंद्र मोदी की विश्वसनीयता कायम है. उसी तरह से बिहार में सबसे ज्यादा विश्वसनीय नेता नीतीश कुमार हैं.

RJD के डीएनए में अराजकता

जेपी नड्डा ने कहा कि हमारी लड़ाई तेजस्वी और कांग्रेस से है. बिहार की जनता तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी को जानती है. तेजस्वी यादव की पार्टी के डीएनए में अराजकता है. आरजेडी आज भी अपनी गलतियों को स्ट्रॉन्ग प्वाइंट मानती है, उन्हें अपनी गलतियों का एहसास तक नहीं है. 

लालू पर जमकर बरसे नड्डा 

लालू पर हमला बोलते हुए नड्डा ने कहा, "लालू जी के आने के बाद शिक्षा में बहुत गिरावट आई. सिस्टम खराब हो गया, प्रोफेसर की नियुक्तियों में भाई भतीजावाद आ गया. पहले यहां से 15-15 आईएसएस-आईपीएस निकलते थे. आप इंडो-अमेरिकन रिलेशनशिप का हू इज हू की एक पुस्तिका में 20 से 25 बायोडाटा आपको पटना यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर के मिलेंगे. जेपी आंदोलन के बाद लालू जी के राज में चरवाहा विश्वविद्यालय बना और बाद में वही चारा घोटाले तक पहुंच गया."

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