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नड्डा की दो टूक, कश्मीर-अयोध्या का बिहार चुनाव से बहुत लेना-देना है

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आजतक के इंटरव्यू में साफ तौर पर कहा कि कश्मीर और अयोध्या हमारी पार्टी के कोर मुद्दे रहे हैं. बीजेपी की स्थापना से हम लोग 'एक देश-एक विधान-एक संविधान' का नारा लगा रहे हैं, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हल करके दिखाया है.

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 25 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 9:46 AM IST
  • बीजेपी के कोर मुद्दे रहे राममंदिर और 370
  • एक देश-एक विधान-एक संविधान नारा रहा है
  • नरेंद्र मोदी सरकार ने अयोध्या-370 को हल किया

बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सभी नेता अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और जम्मू-कश्मीर से 370 जिक्र कर रहे हैं. ऐसे में इन दोनों मुद्दों का बिहार में जिक्र करने के सवाल पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आजतक के इंटरव्यू में साफ तौर पर कहा कि कश्मीर और अयोध्या हमारी पार्टी के कोर मुद्दे रहे हैं. बीजेपी की स्थापना से हम लोग 'एक देश-एक विधान-एक संविधान' का नारा लगा रहे हैं, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हल करके दिखाया है.

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जेपी नड्डा ने कहा कि जनसंघ की स्थापना से श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक देश-एक विधान-एक संविधान की बात करते रहे हैं. 370 और राम मंदिर बीजेपी के कोर एजेंडे में शामिल रहा है. बिहार के लोग क्या राम मंदिर के लिए अयोध्या नहीं गए थे. इन दोनों मुद्दों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिम्मत के साथ किया और अमित शाह की रणनीति ने हल करके दिखाया. ये हमारी सरकार की उपलब्धि है, जिसका हम जिक्र कर रहे हैं. अयोध्या और 370 के साथ विकास भी हमारे मुख्य उद्देश्य में शामिल है. 

पीएम मोदी हर राज्य में इसी शिद्दत के साथ चुनाव प्रचार करते हैं. देश और दुनिया भर में नरेंद्र मोदी पर लोग विश्वास करते हैं. इससे पहले भी बिहार में चुनाव में पीएम मोदी ऐसे ही प्रचार किया था. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने देश में माहौल बनाया और बिहार में आने का भरोसा उद्योगपतियों को नीतीश जी ने दिया है. 250 करोड़ रुपये हमने पिछले साल पीएमसीएच को दिए. अब यही पीएमसीएच पटना में देश का सबसे बड़ा अस्पताल बनेगा. 

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उन्होंने कहा कि हम एम्स की गुणवत्ता के साथ समझौता नहीं कर सकते हैं. हमने यह व्यवस्था की है कि एम्स के बच्चे कहीं और नहीं जाएंगे, एम्स में ही रहेंगे. उनको हमने वहीं नौकरी देने का इंतजाम किया है. स्वास्थ्य और शिक्षा में नतीजा दिखने में कम से कम 5-10 साल लगते हैं. हमारी मेहनत जल्द दिखाई देगी.

जेपी नड्डा ने कहा कि 2014 में मैं स्वास्थ्य मंत्री बना. 2015 में ये लोग सरकार में आए. तेजप्रताप के पास हेल्थ मिनिस्ट्री थी. वह कभी घोड़े से नीचे उतरे ही नहीं. उन्होंने कभी सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टर को जवाब तक नहीं दिया. कोई काम नहीं हुआ. उनके जाने के बाद पीएम ने और हमने 11 मेडिकल कॉलेज दिए. ये सारे काम तीन साल के अंदर हुए हैं. सारा पैसा मोदी जी के आने के बाद और जब नीतीश जी हमारे साथ आए तब मिला है. उससे पहले यूपीए की सरकार ने कोई योगदान नहीं दिया.

उन्होंने कहा कि नीतीश जी ने उनका साथ क्यों छोड़ा, क्योंकि डीएनए में कोई परिवर्तन की बात नहीं आई. उन्होंने माले के साथ हाथ मिलाया. जो साबित तौर पर एंटी नेशनल हैं. कांग्रेस से हाथ मिलाया. कांग्रेस की गतिविधियां देख लीजिए. जब मैं कांग्रेस की बात करता हूं तो पार्टी की बात करता हूं. मैं व्यक्ति की बात नहीं करता. धारा 370 पर राहुल गांधी, शशि थरूर, पी चिदंबरम ने कैसे बयान दिए. यह उनकी पार्टी की सोच के बारे में बताता है. 

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जेडीयू से बीजेपी की ज्यादा सीटें आने के बावजूद नीतीश कुमार के सीएम बनने के सवाल पर जेपी नड्डा ने कहा कि  हम ईमानदारी से जो कहते हैं वह निभाते भी हैं. हमने कहा है कि नीतीश जी हमारे लीडर होंगे तो चाहे सीटों का नतीजा जो भी रहे. चाहे भाजपा आगे रहे या जेडीयू हमने जो बात कही है, उसी पर कायम रहेंगे. चुनाव के बाद हमें एलजेपी का साथ लेने की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी. हम आखिर तक एनडीए के साथ रहेंगे.

उन्होंने कहा कि  एनडीए मोदी जी और बीजेपी के साथ है. अभी बीजेपी, नीतीश जी, हम पार्टी और वीआईपी पार्टी ही एनडीए है. इन सभी के पास वोट ट्रांसफर करने की कैपिसिटी है. चिराग पासवान की आकांक्षाएं ज्यादा थीं. भाजपा के लिए उसे एडजस्ट करना मुश्किल था. हमारी लड़ाई तेजस्वी, कांग्रेस और माले के साथ है, इसलिए हम उनके खिलाफ बोल रहे हैं. 

जेपी नड्डा ने कहा कि बीजेपी ईमानदारी के साथ समझौता करती है और उसे निभाती है. हमारा एलजेपी के साथ कोई समझौता या संबंध नहीं है. हम स्पष्ट रूप से नीतीश के साथ हैं. हम एनडीए में ईमानदारी और शिद्दत के साथ हैं. हमारा प्रिंसिपल है- सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास. मुकेश सहनी और हम को लाने का विषय हमारे पास पहले से था. लेकिन चिराग के साथ ऐसा नहीं हो पाया.

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