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बिहार विधानसभा के इस बार के चुनाव में जनता किसे अपना विधायक चुनेगी, इसका फैसला तो 10 नवंबर को होगा. हां, इतना तो तय है कि कई ऐसी सीटें होंगी जहां जीत-हार के बीच वोटों का अंतर बहुत ही कम होगा. ऐसी क्लोज फाइट 2015 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भी देखने को मिली थी जहां कुछ सीटों पर जीत-हार के बीच वोटों का अंतर एक हजार से भी कम था. कौन सी सीटों पर हुई थी ये क्लोज फाइट, एक नजर उधर भी...
272 वोटों ने किया तरारी में फैसला
पिछले चुनाव में सबसे कम वोटों से जीत का रिकॉर्ड भोजपुर के तरारी सीट का है. ये प्रदेश की उन तीन चुनिंदा सीट में से एक है जो वामदलों के हाथ आई. महज 272 वोट ज्यादा पाकर यहां सीपीआई-एमएल के सुदामा प्रसाद ने एलजेपी की प्रत्याशी गीता पांडे पर जीत हासिल की थी. तरारी सीट पर कुल 14 प्रत्याशी मैदान में थे. इसमें सुदामा प्रसाद ने 44050, गीता ने 43778 और कांग्रेस के अखिलेश प्रसाद ने 40957 वोट प्राप्त किए थे.
सिर्फ 461 वोट से हारी लवली आनंद
शिवहर सीट पर पिछले चुनाव में सबकी नजर थी. क्योंकि इस सीट पर बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद चुनाव लड़ रही थीं. माना जा रहा था कि आनंद का प्रभाव लवली की जीत सुनिश्चित करेगा. लेकिन जनता ने मुकाबले को एकतरफा करने की बजाय रोचक बना दिया. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा-सेकुलर प्रत्याशी लवली आनंद जेडीयू प्रत्याशी सैफरुद्दीन से मात्र 461 वोटों से हार गईं. सैफरुद्दीन को 44576 वोट और लवली को 44115 वोट मिले थे. यहां निर्दल उम्मीदवार ठाकुर रत्नाकर ने 22309 वोट हासिल कर लवली आनंद का खेल खराब कर दिया.
464 वोट से खिला था कमल
पश्चिम चंपारण जिले की चनपटिया विधानसभा की सीट पर भी सबसे रोचक मुकाबले में एक थी. जहां बीजेपी प्रत्याशी ने 464 मतों के अंतर से जेडीयू प्रत्याशी को हराया था. यहां बीजेपी प्रत्याशी प्रकाश राय को 61304 वोट तथा जदयू प्रत्याशी एनएन शाही को 60840 वोट मिले थे. इस सीट पर कुल 10 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे मगर असली लड़ाई बीजेपी और जेडीयू के बीच देखने को मिली जिसमें कांटे की टक्कर में बीजेपी का कमल खिला.
बरौली में 504 वोटों से हारी बीजेपी
गोपालगंज जिले की बरौली सीट पर भी पिछले चुनाव में क्लोज फाइट हुई थी. इस सीट पर आरजेडी प्रत्याशी मोहम्मद नेमतुल्लाह ने जीत हासिल की थी. उन्होंने बीजेपी के रामप्रवेश राय को मात्र 504 वोटों से हराया. इस सीट पर कुल 17 उम्मीदवार मैदान में थे. इसमें नेमतुल्लाह को 61690 और रामप्रवेश को 61186 वोट मिले थे.
आरा में 666 वोटों से जली लालटेन
भोजपुर जिले के आरा विधानसभा सीट पर आरजेडी और बीजेपी के बीच सीधा और रोमांचक मुकाबला नजर आया था. किसी राउंड में बीजेपी तो किसी में आरजेडी आगे रही. हर राउंड के साथ रोमांच बढ़ता रहा और अंत में फैसला हुआ 666 वोट से. आरजेडी के मोहम्मद नवाज आलम ने बीजेपी के अमरेंद्र प्रताप का हराया. मोहम्मद नवाज को 70004 वोट और अमरेंद्र प्रताप को 69338 वोट मिले थे.
सिर्फ 671 वोट ने दिलाई थी जीत
कैमूर (भभुआ) जिले की चैनपुर विधानसभा सीट पर 2015 में त्रिकोणीय मुकाबला दिखा था. यहां बीजेपी, बीएसपी और जेडीयू के बीच क्लोज फाइट हुई. इसमें बीजेपी के बृजकिशोर बिंद ने बीएसपी के मोहम्मद जमा खान केा 671 वोटों से हराया. बृजकिशोर को 58913 वोट, मो जमा को 58,242 वोट और जेडीयू के महाबली सिंह को 30242 वोट मिले.
बनमनखी में 708 वोटों से बनी बात
पूर्णिया जिले की बनमनखी विधानसभा सीट पर बीजेपी और आरजेडी के बीच कड़ा मुकाबला हुआ. बीजेपी के कृष्ण कुमार ऋषि ने लगातार पांचवीं जीत तो हासिल की, लेकिन आरजेडी के संजीव पासवान ने उन्हें आसानी से जीतने नहीं दिया. ऋषि को 59053 वोट मिले तो पासवान को 58,345 वोट. संजीव पासवान यह मुकाबला मात्र 708 वोटों से हार गए.
यहां 834 वोट से खिला था गुलाब
मधुबनी जिले के झांझरपुर विधानसीट पर 2015 के चुनाव में आरजेडी के गुलाब यादव ने बीजेपी प्रत्याशी नीतिश मिश्रा को मात्र 834 वोट के अंतर से हराया था. गुलाब यादव ने कुल 64320 वोट प्राप्त किए जबकि नीतिश मिश्रा को 63486 वोट मिले. ये सीट भी पिछले चुनाव में क्लोज फाइट सीटों में से एक थी.
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