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बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बुधवार को निर्वाचन आयोग अहम बैठक करेगा. आयोग राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान काले धन की आवाजाही पर निगाह और अंकुश रखने के लिए और क्या इंतजाम किए जा सकते हैं, इस संभावना पर विचार करेगा. साथ ही सुरक्षा और खर्च पर नजर रखने के लिए क्या और ऑब्जर्वर तैनात करने की जरूरत है, इस पर भी चर्चा होगी.
इस हफ्ते की शुरुआत में भी निर्वाचन आयोग के मुख्यालय में सभी ऑब्जर्वर की दिनभर ब्रीफिंग हुई. इस दौरान वर्चुअल और फिजिकल मीटिंग का मिला जुला रूप दिखा. चार सत्रों में हुई मीटिंग में निर्वाचन आयोग के आला अधिकारी मुख्यालय में मौजूद थे. वहीं, बिहार के विभिन्न जिलों में तैनात अधिकारी और ऑब्जर्वर अपने संबंधित शहरों में थे. सुरक्षा, खर्च, आचार संहिता जैसे मामलों को लेकर ऑब्जर्वर से चर्चा हुई. चर्चा के दौरान चुनाव आयुक्त, उप आयुक्त और अन्य कई संबंधित विशेषज्ञ विभागों के अधिकारी और बिहार के प्रभारी उपायुक्त चन्द्र भूषण कुमार भी मौजूद थे.
निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव में काले धन बल पर निगहदारी रखने के लिए दो विशेष एक्सपेंडिचर आब्जर्वर नियुक्त किए हैं. भारतीय राजस्व सेवा के दो पूर्व अधिकारियों मधु महाजन और बीआर बालकृष्णन को इस बाबत नियुक्त किया गया है. मधु महाजन 1982 और बालकृष्णन 1983 बैच के अधिकारी हैं.
मधु महाजन को 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान तमिलनाडु और कर्नाटक के बाद महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी विशेष खर्च पर्यवेक्षक बनाकर भेजा गया था. बालकृष्णन को तेलंगाना में हुए उपचुनाव में स्पेशल एक्सपेंडिचर आब्जर्वर के रूप में काम करने का भी अनुभव है. आयोग ने इन दोनों की नियुक्ति बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से परामर्श करने के बाद की है.
इन दोनों स्पेशल ऑब्जर्वर की मदद के लिए माइक्रो ऑब्जर्वर तो रहेंगे ही साथ ही जागरूक मतदाता C vigil, SMS नंबर 1950 के जरिए वोटर हेल्पलाइन और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए मिलने वाली जानकारियों के अनुसार फौरन कार्रवाई करेगा. आयोग ने भरोसा दिलाया है कि अघोषित धन की जानकारी देने वाले जागरूक मतदाता का नाम और सभी तरह की जानकारी पूरी तरह गुप्त रखी जाएगी.