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Raxaul में इस वजह से अब तक नहीं खुले चुनावी ऑफिस

बिहार के रक्सौल में चुनाव आयोग की सख्ती से अब तक चुनावी ऑफिस नहीं खुल सके हैं. कुल 13 प्रत्याशी रक्सौल विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं. इस बार अब तक दो प्रत्याशियों द्वारा चुनावी ऑफिस खोला गया, लेकिन चुनाव आयोग के निर्देश का पालन नहीं होने से ऑफिस बंद करा दिया गया.

 रक्सौल में नहीं खुला चुनावी ऑफिस (फोटो आजतक) रक्सौल में नहीं खुला चुनावी ऑफिस (फोटो आजतक)
aajtak.in
  • रक्सौल,
  • 28 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 5:46 PM IST
  • मतदान केंद्र से 200 मीटर के अंदर नहीं हो सकता चुनावी ऑफिस
  • रक्सौल विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं कुल 13 प्रत्याशी

बिहार के रक्सौल में चुनाव आयोग की सख्ती से अब तक चुनावी ऑफिस नहीं खुल सके हैं. कुल 13 प्रत्याशी रक्सौल विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं. इस बार अब तक दो प्रत्याशियों द्वारा चुनावी ऑफिस खोला गया, लेकिन चुनाव आयोग के निर्देश का पालन नहीं होने से ऑफिस बंद करा दिया गया. बता दें कि चुनाव आयोग का सख्त आदेश है कि मतदान केंद्र से 200 मीटर के अंदर चुनावी ऑफिस नहीं होना चाहिए.

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बीजेपी सहित अन्य एक निर्दलीय प्रत्याशी का स्थानीय निर्वाचन अधिकारी के आदेश से चुनावी ऑफिस खुला पर उसे तुरंत ही बंद करा दिया गया. बता दें कि रक्सौल के अंचलाधिकारी विजय कुमार की जांच रिपोर्ट पर ही आदेश दिया गया और फिर उसे रद्द भी किया गया. जिसको लेकर स्थानीय अनुमंडलाधिकारी सह निर्वाचन पदाधिकारी आरती कुमारी द्वारा अंचलाधिकारी से 24 घंटे में स्पष्टीकरण मांगा गया है.

इस संबंध में अवर निर्वाचन अधिकारी संतोष कुमार ने बताया कि चुनाव आयोग का सख्त आदेश है कि मतदान केंद्र से 200 मीटर के अंदर किसी भी प्रत्याशी को चुनावी ऑफिस नहीं खोलना है. जिस वजह से दो प्रत्याशियों का चुनावी ऑफिस बंद करा दिया गया है. साथ ही स्थानीय अंचलाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है कि कैसे उनके द्वारा ऑफिस खोलने की स्वीकृति दी गई थी.

अब तक कुल तीन प्रत्याशियों द्वारा चुनावी ऑफिस खोलने की स्वीकृति की मांग की गई है. जिसकी जांच के बाद ही स्वीकृति दी जाएगी. रक्सौल विधानसभा का चुनाव 7 नवंबर को होना है पर प्रत्याशी अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में ही चुनावी ऑफिस खोल पाए हैं. 

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त्योहार के समय चुनाव होने से बाजार में जनसंपर्क अभियान चल रहा है. व्यापारी वर्ग इस बार चुनावी ऑफिस के नाम पर लाउडस्पीकर से होने वाले प्रचार से बच गए हैं लेकिन फुटकर व्यापारियों को नुकसान हुआ है. व्यापारी राजेश अग्रवाल ने बताया कि बहुत अच्छा है कि चुनाव आयोग की सख्ती से चुनावी शोरगुल नहीं है, वहीं फुटकर दुकानदार का कहना है कि शोर बंद होने से उनका व्यापार प्रभावित हो गया. इसी बहाने कई लोग उनके यहां आते थे. जिससे उनके फल, चाय और पान की दुकानदारी कम हो गई है.
(इनपुट- गणेश शंकर)

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