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Gaya: पूर्व नक्सली ने इस सीट से भरा पर्चा, कहा- युवाओं के हक की लड़ेंगे लड़ाई

नामांकन भरने के बाद विनोद मरांडी ने कहा कि उन्होंने जन अधिकार पार्टी से गुरुआ विधानसभा सीट से अपना नामांकन पर्चा भरा है. अगर जनता उन्हें मौका देती है तो युवाओं के हक की लड़ाई लड़ेंगे क्योंकि गुरुआ विधानसभा में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है.

aajtak.in
  • गया ,
  • 09 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 10:43 AM IST
  • विनोद मरांडी का मुकाबला भाजपा नेता राजीव नंदन के साथ
  • विरोध मरांडी ने जन अधिकार पार्टी से अपना नामांकन भरा
  • गुरुआ विधानसभा में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या-विनोद मरांडी

प्रतिबंधित नक्सली संगठन टीपीसी के पूर्व नक्सली कमांडर विरोध मरांडी ने गुरुवार को गुरुआ विधानसभा सीट के लिए जन अधिकार पार्टी से अपना नामांकन भरा. इस दौरान उनके कई समर्थक भी मौजूद थे. नामांकन को लेकर काफी गहमागहमी का माहौल रहा. बता दें कि विनोद मरांडी का मुकाबला मौजूदा विधायक और भाजपा नेता राजीव नंदन से होगा.

नामांकन भरने के बाद विनोद मरांडी ने कहा कि उन्होंने जन अधिकार पार्टी से गुरुआ विधानसभा सीट से अपना नामांकन पर्चा भरा है. अगर जनता उन्हें मौका देती है तो युवाओं के हक की लड़ाई लड़ेंगे. क्योंकि गुरुआ विधानसभा में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है. जिस कारण हर साल हजारों युवा दूसरे राज्यों में रोजगार के लिए पलायन करते है. ऐसे में युवाओं की हक की लड़ाई लड़ते हुए बेरोजगारी को दूर करने का प्रयास करेंगे. 

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इसके अलावा क्षेत्र की अन्य समस्याओं को भी दूर करने का प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा कि गुरुआ विधानसभा में आज तक जितने भी जनप्रतिनिधि हुए, उन्होंने कोई भी विकास का कार्य नहीं किया. यही वजह है कि गुरुआ विधानसभा आज भी पिछड़ा हुआ है. ऐसे में विधानसभा का नक्शा बदलने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे. जहां तक मेरी उम्र की बात है तो सेवा करने के लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती. 

बता दें कि साल 1997 में विनोद मरांडी ने नक्सली संगठन एमसीसी का दामन थामा था. इस संगठन का सुप्रीमो नहीं बनने के बाद 2005 में रिवॉल्युशनरी कम्युनिस्ट सेंटर पार्टी बनाई. 2009 में गया के चेरकी थाने की पुलिस ने विनोद मरांडी को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन सबूत और गवाह न होने के कारण 2012 में उसे कोर्ट ने बरी कर दिया. इसके बाद 2016 और 2018 में भी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था, विनोद मरांडी पर लगभग 25 मामले दर्ज हैं.

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(इनपुट-बिमलेंदु चैतन्य)

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