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घोसी विधानसभा सीट: यहां कभी रहा एक ही परिवार का कब्जा, अब बोलती है राजद दी तूती!

2015 के विधानसभा चुनाव में मौजूदा मंत्री कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा ने बाजी मारी थी, उन्होंने लंबे वक्त से इस सीट पर चली आ रही एक परिवार की बादशाहत को चुनौती दी थी और सफल हुए थे.

अभी जदयू के खाते में है ये सीट अभी जदयू के खाते में है ये सीट
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 10:22 PM IST
  • बिहार में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजा
  • तीन चरण में इस बार डाले जाएंगे वोट

बिहार के जहानाबाद जिले में आने वाली घोसी विधानसभा सीट (Ghosi Assembly Seat) राज्य की सबसे पॉपुलर सीट में से एक है. बिहार में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो गई है, अब 10 नवंबर को नतीजों का इंतजार है. बिहार की घोसी विधानसभा सीट पर इस बार 28 अक्टूबर को वोट डाले गए, यहां कुल 57.15% मतदान हुआ.

यहां से बिहार सरकार में शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा विधायक हैं. कभी ये सीट एक ही परिवार का गढ़ हुआ करती थी, लेकिन पिछले चुनाव में सेंध लग गई. ऐसे में इससाल होने वाले विधानसभा चुनाव पर हर किसी की नज़र है.

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कब हुई वोट‍िंग?
घोसी विधानसभा सीट पर पहले चरण में 28 अक्टूबर को मतदान हुआ. बता दें कि इस साल बिहार विधानसभा चुनाव 3 चरणों में संपन्न हुए. पहले चरण के लिए 28 अक्टूबर, दूसरे चरण के लिए 3 नवंबर को वोट डाले गए. जबकि तीसरे यानी आखिरी चरण का चुनाव 7 नवंबर को हुआ. बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 नवंबर को आएंगे.

इस बार के मुख्य उम्मीदवार

  • जेडीयू - राहुल कुमार
  • लेफ्ट - राम बालि सिंह यादव
  • एलजेपी - राकेश कुमार सिंह

क्या कहता है इस सीट का इतिहास?
आजादी के बाद ही बनी इस विधानसभा सीट पर शुरू में कांग्रेस का कब्जा रहा, लेकिन बीच में कुछ चुनावों में सीपीआई ने भी यहां से जीत दर्ज की. लेकिन पिछले करीब चार दशक के रिकॉर्ड को देखें तो यहां एक ही परिवार का कब्जा रहा है. कांग्रेस के नेता रहे जगदीश शर्मा ने 1977 में इस सीट से पहली बार चुनाव जीता था, उसके बाद ये 2010 तक इस सीट पर उनके परिवार का कब्जा रहा. खुद जगदीश शर्मा ने इस सीट से आठ बार विधानसभा का चुनाव जीता.

क्या है इस सीट का जातीय समीकरण?
इस इलाके की अधिकतर जनसंख्या ग्रामीण इलाके में ही रहती है. इस सीट पर एससी समुदाय से करीब बीस फीसदी से अधिक वोटर हैं, ऐसे में राजनीतिक दलों की नज़र इन वोटरों पर भी रहती है. अगर कुल वोटरों की संख्या को देखें तो यहां ढाई लाख से अधिक वोटर हैं, जिनमें से 52 फीसदी वोटर पुरुष हैं.

पिछले विधानसभा चुनाव के क्या थे नतीजे?
2015 के विधानसभा चुनाव में मौजूदा मंत्री कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा ने बाजी मारी थी, उन्होंने लंबे वक्त से इस सीट पर चली आ रही एक परिवार की बादशाहत को चुनौती दी थी और सफल हुए थे. जदयू की ओर से चुनाव लड़े कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा को इस सीट पर 67 हजार के करीब वोट मिले थे, जबकि हम पार्टी की ओर से राहुल कुमार को सिर्फ 46 हजार वोट मिल पाए थे. 

स्थानीय विधायक के बारे में
स्थानीय सीट से विधायक कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा बिहार सरकार में शिक्षा मंत्री हैं. इस सीट पर चुनाव जीतने से पहले वो मकदुमपुर से चुनाव जीत चुके हैं. इस बार कयास लगाए जा रहे हैं कि वो जहानाबाद से चुनावी मैदान में आ सकते हैं. पटना यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने वाले कृष्णनंदन वर्मा को जदयू ने राजद से गठबंधन टूटने के बाद मंत्री बनाया था.  

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