हाजीपुर विधानसभा सीटः लगातार 7 बार से जीत रही BJP, क्या खत्म होगा RJD की जीत का सूखा?

बिहार में भारतीय जनता पार्टी की सबसे मजबूत पकड़ वाली सीटों में इसकी गिनती की जाती है. हाजीपुर में 1995 के बाद से बीजेपी के अलावा किसी और पार्टी को यहां से जीत हासिल नहीं हुई. अब देखना होगा कि इस बार के चुनावों में जनता यहां से किसे विधायक चुनती है.

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Hajipur MLA AWADHESH SINGH Hajipur MLA AWADHESH SINGH

अजीत तिवारी

  • नई दिल्ली,
  • 30 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 7:41 AM IST

बिहार में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो गई है, तीन चरणों में हुए चुनावों में इस बार कुल 59.94 फीसदी वोटिंग हुई है. अब 10 नवंबर को नतीजों का इंतजार है. बिहार की हाजीपुर विधानसभा सीट पर इस बार 3 नवंबर को वोट डाले गए, यहां कुल 57.29% मतदान हुआ. बिहार में भारतीय जनता पार्टी की सबसे मजबूत पकड़ वाली सीटों में इसकी गिनती की जाती है. बीजेपी सांसद नित्यानंद राय की एंट्री के बाद से इस सीट पर अन्य कोई भी दल जीत हासिल नहीं कर सका है. यानी हाजीपुर में 1995 के बाद से बीजेपी के अलावा किसी और पार्टी को यहां से जीत हासिल नहीं हुई. वर्तमान में बीजेपी नेता अवधेश सिंह यहां से विधायक हैं. अब देखना होगा कि इस बार के चुनावों में जनता यहां से किसे विधायक चुनती है.

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राजनीतिक पृष्ठभूमि
हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र को एक समय में समाजवादियों का गढ़ माना जाता था. 1995 तक यहां समाजवादी नेताओं का बोलबाला रहा. यहां से मोतीलाल सिंहा कानन, प्रो. जगन्नाथ प्रसाद, दीप नारायण सिंह और कांग्रेस के सरयू प्रसाद ने चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. लेकिन साल 2000 में बीजेपी नेता नित्यानंद राय की एंट्री से सियासी समिकरण बदले और हाजीपुर विधानसभा सीट की राजनीति ने भी करवट ली.

यह ऐसा बदलाव था कि इस सीट पर 2000 के बाद से अब तक भाजपा को जीत मिलती आ रही है. बिहार की राजनीति में मजबूत दखल रखने वाले नित्यानंद राय यहां से 4 बार विधायकी जीते. हालांकि 2014 में उनके लोकसभा सांसद बन जाने के कारण इस सीट पर उपचुनाव हुए और इसमें बीजेपी उम्मीदवार अवधेश सिंह ने बाजी मार ली. यही नहीं पिछले चुनाव में भी अवधेश सिंह ने सफलता प्राप्त की. 

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समाजिक ताना-बाना
बिहार के वैशाली जिले में स्थित हाजीपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में बीजेपी की मजबूत पकड़ है. 2011 की जनगणना के अनुमान के अनुसार यहां की आबादी करीब 443976 है. इसमें 66.74 फीसदी लोग ग्रामीण हैं और 33.26 फीसदी लोग शहरी हैं. वहीं, इस सीट पर अनुसूचित जाति (एससी) के वोटर्स का बोलबाला है. इस विधानसभ क्षेत्र में एससी वर्ग से आने वाले लोगों की आबादी 21.11 फीसदी है. यही कारण है कि चुनावी राजनीति में यहां के एससी वोटर काफी मायने रखते हैं.

2015 का जनादेश
2015 के चुनावों में बीजेपी उम्मीदवार अवधेश सिंह ने कांग्रेस उम्मीदवार जगन्नाथ प्रसाद राय को करीब 16 हजार वोटों के अंतर से हराया था. अवधेश सिंह को 2015 के विधानसभा चुनावों में यहां से 86773 वोट मिले थे. वहीं, जगन्नाथ प्रसाद के पक्ष में 74578 वोट पड़े थे. वोटिंग परसेंटेज की बात करें तो नंबर पर रही बीजेपी को 48.62 फीसदी वोट मिले थे. वहीं, कांग्रेस को 41.79 फीसदी मत हासिल हुए थे.

दूसरे चरण में 3 नवंबर 2020 को इस सीट पर वोट डाले जाएंगे. चुनाव के नतीजे 10 नवंबर को आएंगे.

इस बार के मुख्य उम्मीदवार

  • बीजेपी - अवधेश सिंह
  • आरजेडी - देव कुमार चौरसिया
  • आरएलएसपी - कमल पीडी प्रसाद

विधायक का रिपोर्ट कार्ड
1970 में बिहार के वैशाली में जन्में अवधेश सिंह ने 20 साल की उम्र में राजनीति में कदम रखा और भाजपा युवा मोर्चा से जुड़ गए. वो भाजपा युवा मोर्चा प्रदेश कार्य समिति के सदस्य रहे और अपनी चुनावी जमीन को पानी देते रहे. इसके बाद 2014 में नित्यानंद राय के लोकसभा पहुंचने के कारण उन्हें हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव के लिए बीजेपी ने टिकट थमाया और उन्होंने जीत हासिल की. इसके बाद पार्टी ने 2015 में भी उन पर भरोसा जताया जिसे वो जीत के साथ बरकरार रखने में सफल साबित हुए.

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