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Muzaffarpur : ऊहापोह में है बिहार के इस विधानसभा की जनता, आखिर कौन होगा नेता?

मुजफ्फरपुर जिले के कांटी विधानसभा क्षेत्र में नेता और पार्टी नहीं तय होने से जनता ऊहापोह में है. एनडीए और महागठबंधन दोनों से ही कई नेता जनसंपर्क में हैं और अपनी-अपनी दावेदारी की बात समर्थकों से कह रहे हैं.

वर्तमान विधायक के दूसरे क्षेत्र से चुनाव लड़ने की चर्चा तो दूसरी ओर एक ही पार्टी के कई नेता जनसंपर्क में जुटे. वर्तमान विधायक के दूसरे क्षेत्र से चुनाव लड़ने की चर्चा तो दूसरी ओर एक ही पार्टी के कई नेता जनसंपर्क में जुटे.
मणिभूषण शर्मा
  • मुजफ्फरपुर,
  • 03 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 3:52 PM IST
  • वर्तमान विधायक के दूसरे क्षेत्र से चुनाव लड़ने की चर्चा
  • एक ही पार्टी के कई नेता जनसंपर्क में जुटे
  • पूर्व मंत्री अजित कुमार लगातार चला रहे जनसंपर्क अभियान

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले का कांटी विधानसभा क्षेत्र थर्मल और पान की खेती के लिए प्रसिद्ध है. इस बार यहां के वोटर्स काफी ऊहापोह में हैं कि कौन होगा हमारा नेता? वर्तमान विधायक के दूसरे क्षेत्र से चुनाव लड़ने की चर्चा है तो दूसरी ओर एक ही पार्टी के कई नेता जनसंपर्क में जुटे हुए हैं.

मुजफ्फरपुर जिले के कांटी विधानसभा क्षेत्र में नेता और पार्टी नहीं तय होने से जनता ऊहापोह में है. एनडीए और महागठबंधन दोनों से ही कई नेता जनसंपर्क में हैं और अपनी-अपनी दावेदारी की बात समर्थकों से कह रहे हैं. कांटी क्षेत्र में ऐसी स्थिति है कि एक ही पार्टी और उसी गठबंधन के कई नेता लगातार जनसंपर्क में हैं.

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बीजेपी से डॉ अरविंद कुमार सिंह, तेज नारायण शर्मा व सहदेव राम तो जदयू से विजय सिंह, सौरव साहब, डॉक्टर राजीव कुमार, व एम डी जमाल जनसंपर्क कर रहे हैं. वहीं महागठबंधन में राजद से हैदर आजाद, इसराइल मंसूरी, अभय ठाकुर और अनिल चौबे जनता के बीच जा रहे हैं. तो कांग्रेस से कृपा शंकर शाही, गुलाम जिलानी वारसी पूर्वी विधायक, इंजीनियर संजीव भी जुगत में हैं 

इन सबके अलावा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पूर्व मंत्री अजित कुमार लगातार जनसंपर्क अभियान कर अपनी वापसी के दावे कर रहे हैं. वहीं जनजन पार्टी से अन्य नेता भी क्षेत्र में बने हुए हैं और लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं. तो पूर्व जिला पार्षद नीरा देवी भी काफी सक्रिय हैं और लोजपा की टिकट पर उनकी नजर है. 

अब हम 2015 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार अशोक कुमार चौधरी ने जीतन राम मांझी की पार्टी के उम्मीदवार अजीत कुमार को पराजित किया था. पिछली बार हुए विधानसभा चुनाव 2015 के चुनाव में यहां कुल 21 उम्मीदवार मैदान में थे.

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लेकिन इस बार पूरी तरह से यहां का समीकरण बदला हुआ है. पूर्व मंत्री अजित कुमार निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं. तो वर्तमान विधायक जो पिछली बार  निर्दलीय जीते थे, इस बार सकड़ा विधानसभा क्षेत्र से जदयू की टिकट से लड़ने के लिए लगे हुए हैं.

इस विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां पर पिछले चुनाव में ट्रेंड बदला और निर्दलीय प्रत्याशी सभी दलों पर भारी पड़े और उनकी जीत हुई. कभी-कभी सारे समीकरण धरे के धरे रह जाते हैं और परिणाम आश्चर्यजनक आ जाते है. जैसा पिछली बार 2015 के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय और स्थानीय दलों की चुनौती के बीच एक निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत हासिल की थी.

ऐसे में एनडीए और महागठबंधन में पार्टी और कैंडिडेट क्लियर नहीं होने से अभी तक मतदाता भी काफी ऊहापोह की स्थिति में हैं कि एक ही पार्टी के कई लोग उनसे अपने समर्थन की बात करते हैं. ऐसे में नए दलों और निर्दलीय प्रत्याशी काफी उत्साह में कांटी के मतदाताओं से अपने-अपने पक्ष में परिणाम मिलने की उम्मीद लिए हुए हैं.

कांटी क्षेत्र में थर्मल पावर से निकलने वाली राख, जल भराव, शौचालय, रोड कनेक्टिविटी जैसे प्रमुख मुद्दे इस बार भी हैं. मुजफ्फरपुर जिले के कांटी विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 290,929 है. पुरुष मतदाता 156461 और महिला मतदाता 134461 हैं. वहीं थर्ड जेंडर 07 हैं. कांटी विधानसभा क्षेत्र में दूसरे चरण यानी तीन नवंबर को मतदान होना है.

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