
बिहार में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो गई है, अब 10 नवंबर को नतीजों का इंतजार है. बिहार की करगहर विधानसभा सीट पर इस बार 28 अक्टूबर को वोट डाले गए, यहां कुल 59.45% मतदान हुआ.
बिहार में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. करगहर विधानसभा सीट पर जेडीयू (JDU) ने एक बार फिर अपने मौजूदा विधायक बशिष्ठ सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है. जबकि महागठबंधन की ओर से इस सीट पर कांग्रेस के संतोष कुमार मिश्रा चुनाव लड़ रहे हैं. जबकि एलजेपी (LJP) ने राकेश कुमार सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है. इसके अलावा बसपा के टिकट पर उदय प्रताप सिंह चुनावी मैदान में हैं.
कब हुई वोटिंग?
करगहर विधानसभा सीट पर पहले चरण में 28 अक्टूबर को मतदान हुआ. बता दें कि इस साल बिहार विधानसभा चुनाव 3 चरणों में संपन्न हुए. पहले चरण के लिए 28 अक्टूबर, दूसरे चरण के लिए 3 नवंबर को वोट डाले गए. जबकि तीसरे यानी आखिरी चरण का चुनाव 7 नवंबर को हुआ. बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 नवंबर को आएंगे.
सीट का इतिहास
करगहर विधानसभा सीट की बिहार विधानसभा में सीट क्रम संख्या 209 है. यह विधानसभा क्षेत्र रोहतास जिले में पड़ता है और यह सासाराम (लोकसभा) निर्वाचन क्षेत्र का एक हिस्सा है. सासाराम संसदीय सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है जबकि यह करगहर विधानसभा सीट सामान्य वर्ग की सीट है. 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिश के बाद करगहर विधानसभा सीट अस्तित्व में आई.
2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिश के बाद करगहर विधानसभा सीट अस्तित्व में आई. सासाराम संसदीय क्षेत्र में 3 विधानसभा सीट कैमूर जिले के हैं और 3 रोहतास जिले में पड़ते हैं. इस संसदीय क्षेत्र में मोहनिया, भभुआ, चैनपुर, चेनारी, सासाराम और करगहर विधानसभा शामिल हैं. नई व्यवस्था के तहत विक्रमगंज विधानसभा क्षेत्र को खत्म कर दिया गया और उसकी जगह करगहर के रूप में नई विधानसभा सीट बना दी गई. सासाराम संसदीय क्षेत्र में चेनारी, दिनारा और मोहनिया विधानसभा क्षेत्र से अलग कर करगहर विधानसभा क्षेत्र बनाया गया.
जगजीवन राम का संसदीय क्षेत्र
विधानसभा सीट के रूप में अस्तित्व में आने के बाद करगहर विधानसभा सीट में अब तक 2 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं और इस सीट पर जनता दल यूनाइटेड का कब्जा है. सासाराम की धरती बाबू जगजीवन राम की धरती के रूप में जानी जाती है. जगजीवन राम यहां से 8 बार सांसद रहे जबकि उनकी बेटी मीरा कुमार भी सासाराम से ही 2 बार सांसद चुनी गईं.
2010 में करगहर विधानसभा सीट पर पहली बार चुनाव कराए गए जिसमें जनता दल यूनाइटेड को जीत मिली. जनता दल यूनाइटेड के रामधनी सिंह ने जीत हासिल की थी. उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी के शिव शंकर सिंह को हराया था. तीसरे स्थान पर कांग्रेस के आलोक कुमार रहे थे. 18 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे.
2015 में हुए विधानसभा चुनाव में करगहर विधानसभा सीट की बात की जाए तो इस सीट पर कुल 2,96,440 मतदाता थे जिसमें 1,58,931 पुरुष और 1,37,498 महिला मतदाता शामिल थे. 2,96,440 में से 1,77,750 मतदाताओं ने वोट डाले जिसमें 1,76,259 वोट वैध माने गए. इस सीट पर 60% मतदान हुआ था. जबकि नोटा के पक्ष में 1,491 लोगों ने वोट किया था.
लगातार 2 चुनाव में 18-18 उम्मीदवार
करगहर विधानसभा सीट पर 2015 के विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड के बसिष्ठ सिंह ने जीत हासिल की थी. उन्होंने मुकाबले में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के बीरेंद्र कुमार सिंह को 12,907 मतों के अंतर से हराया था. बसिष्ठ सिंह को चुनाव में 32.1% वोट मिले जबकि बीरेंद्र सिंह को 24.8% वोट हासिल हुए. इस सीट पर 18 उम्मीदवार मैदान में थे जिसमें 7 निर्दलीय उम्मीदवार थे. तीसरे स्थान पर निर्दलीय प्रत्याशी रहा था. खास बात यह रही कि 2010 के चुनाव में भी 18 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे.
बसिष्ठ सिंह की शिक्षा के बारे में बात करें तो वह ग्रेजुएट हैं और 2015 में दाखिल हलफनामे के अनुसार उन पर 2 आपराधिक केस दर्ज है. उनके पास 67,92,526 रुपये की संपत्ति है, जबकि उन पर 6,18,785 रुपये की लाइबिलटीज है.