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लखीसराय विधानसभा सीट: बीजेपी के गढ़ में कांग्रेस-आरजेडी के सामने है बड़ी चुनौती

लखीसराय विधानसभा सीट साल 1977 में अस्तित्व में आई. इस साल हुए यहां पर पहले चुनाव में JNP के कपिलदेव सिंह ने जीत हासिल की. उन्होंने कांग्रेस के अर्जुन सिंह को मात दी थी.

राहुल गांधी और तेजस्वी यादव (फाइल फोटो) राहुल गांधी और तेजस्वी यादव (फाइल फोटो)
देवांग दुबे गौतम
  • नई दिल्ली,
  • 24 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 12:06 PM IST
  • बीजेपी का गढ़ मानी जाती है लखीसराय विधानसभा सीट
  • 2015 में विजय कुमार ने जेडीयू के रामानंद मंडल को दी थी मात
  • बीजेपी यहां पर 4 चुनावों में जीत हासिल कर चुकी है

लखीसराय विधानसभा सीट पर विधानसभा का पहला चुनाव 1977 में हुआ था. ये सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है. उसने 4 चुनावों में यहां पर जीत हासिल की है. 2015 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के विजय कुमार ने जीत हासिल की थी. उन्होंने जेडीयू के रामानंद मंडल को मात दी थी. आरजेडी और कांग्रेस के लिए ये सीट बड़ी चुनौती है. अगर उसे बीजेपी को यहां पर हराना है तो पूरा जोर लगाना होगा. 

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सामाजिक ताना-बाना

लखीसराय बिहार के महत्वपूर्ण शहरों में एक है. इस जिले का गठन 3 जुलाई 1994 को किया गया था. इससे पहले यह मुंगेर जिले के अंतर्गत आता था. यह क्षेत्र हिंदू और बौद्ध देवी देवताओं के लिए प्रसिद्ध है. 2011 की जनगणना के अनुसार लखीसराय की जनसंख्या 522233 है.

यहां की 72.62 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्र और 27.38 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है. अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) का अनुपात कुल जनसंख्या में से क्रमशः 15.81 और 0.11 है.

राजनीतिक पृष्ठभूमि

लखीसराय विधानसभा सीट साल 1977 में अस्तित्व में आई. इस साल हुए यहां पर पहले चुनाव में JNP के कपिलदेव सिंह ने जीत हासिल की. उन्होंने कांग्रेस के अर्जुन सिंह को मात दी थी. तीन साल बाद हुए यहां पर अगले चुनाव में कांग्रेस के अश्विनी कुमार ने बाजी मारी. लेकिन अगले ही चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

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1980 के बाद से कांग्रेस को यहां पर जीत नहीं मिली है. वहीं, बीजेपी का यहां पर पहला विधायक साल 2000 में चुना जाता है. कृष्ण चंद्र सिंह लखीसराय में बीजेपी के पहले विधायक बनते हैं. इसके बाद अगले चुनाव 2005 में भी बीजेपी को ही जीत मिली. हालांकि, इस बार विजय कुमार सिन्हा विधानसभा पहुंचते हैं.

बीजेपी की जीत का सिलसिला 2005 के उपचुनाव में थम जाता है. आरजेडी ने लखीसराय में पहली जीत हासिल की. लेकिन 2010 में एक बार फिर बाजी पलटती है और बीजेपी के विजय कुमार सिन्हा चुनाव जीतते हैं.

2010 के बाद 2015 में वह चुनाव जीते. 2015 में उन्होंने जेडीयू के रामानंद मंडल को मात दी थी. तब जेडीयू महागठबंधन का हिस्सा थी. लखीसराय में अब तक विधानसभा के 10 चुनाव हुए हैं. इसमें से बीजेपी को 4, आरजेडी और कांग्रेस को 1-1 बार जीत मिली है.

2015 का जनादेश

2015 के विधानसभा चुनाव में लखीसराय में 342838 वोटर्स थे. इसमें से 53.7 फीसदी पुरुष और 46.29 महिला वोटर्स थीं. लखीसराय में 182216 लोगों ने वोटिंग की थी. यहां पर 54 फीसदी मतदान हुआ था. इस चुनाव में बीजेपी के विजय कुमार ने जेडीयू के रामानंद मंडल को हराया था. विजय कुमार को 75901 (40.79 फीसदी ) और रामानंद मंडल क 69345 (37.27 फीसदी ) वोट मिले थे. विजय कुमार ने 5 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल थी.

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विधायक के बारे में

5 जून 1967 को जन्मे विजय कुमार सिन्हा की शैक्षणिक योग्यता सिविल इंजीनियरिंग (डिप्लोमा) है. उन्होंने 1980 में राजनीति में एंट्री की. विजय कुमार सिन्हा 2005 में चुनाव जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे. इसके बाद उन्होंने 2010 और 2015 में भी जीत हासिल की.

ये प्रत्याशी हैं मैदान में

लखीसराय विधानसभा सीट पर 18 उम्मीदवार मैदान में हैं. यहां से बीजेपी के विजय कुमार सिन्हा और कांग्रेस के अमरेश कुमार प्रत्याशी हैं. विजय कुमार सिन्हा यहां के मौजूदा विधायक हैं. 

कितनी हुई वोटिंग

लखीसराय  में पहले चरण के तहत मतदान हुआ. यहां पर 28 अक्टूबर को वोटिंग हुई. लखीसराय में 52.36 फीसदी मतदान हुआ. मतगणना 10 नवंबर को की जाएगी.


 

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